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Farmers Stir: किसान आंदोलन का आज एक साल हुआ पूरा, जानिए आंदोलनकारियों के आगे का प्लान

राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं ने साफ कह दिया है कि आंदोलन खत्म तभी होगा, जब किसानों की सारी मांगें मान ली जाएंगी। इन मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP गारंटी कानून बनाना, मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी और गृह राज्य मंत्री टेनी की बर्खास्तगी शामिल है।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज एक साल पूरे हो गए हैं। तीनों कृषि कानून वापस लेने के लिए संसद के अगले सत्र में बिल आने जा रहा है, लेकिन आंदोलनकारी दिल्ली की सीमाओं से टस से मस नहीं हुए हैं। उल्टे आंदोलन के एक साल पूरे होने पर दिल्ली की सीमाओं पर बैठे आंदोलनकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसकी बड़ी वजह किसानों के नेता हैं। राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं ने साफ कह दिया है कि आंदोलन खत्म तभी होगा, जब किसानों की सारी मांगें मान ली जाएंगी। इन मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP गारंटी कानून बनाना, मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी और गृह राज्य मंत्री टेनी की बर्खास्तगी शामिल है। राकेश टिकैत ने एलान किया है कि शनिवार यानी 27 नवंबर को किसान संगठनोँ की बैठक होगी। इस बैठक में अगले कदम का फैसला किया जाएगा। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरुनानक जयंती के मौके पर कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया था। उन्होंने आंदोलनकारियों से घर लौट जाने के लिए कहा था, लेकिन आंदोलनकारी इस अपील को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।

farmer protest

किसान संगठनों ने आंदोलन के एक साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली की सीमाओं पर एकजुट होने का एलान पहले ही कर दिया था। इसकी वजह से अब हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। अब दिल्ली की सीमा पर एक बार फिर से बड़ी संख्या में बैरिकेड लग गए हैं। साथ ही सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ गई है। पुलिस ने गुरुवार को किसान नेताओं के साथ बैठक की थी। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि अगर प्रदर्शनकारी सीमा पार करने या उपद्रव करने की कोशिश करते हैं, तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।

किसान नेताओं ने एलान किया है कि 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के शुरु होने के दिन 60 ट्रैक्टरों के साथ 1000 किसान संसद तक मार्च निकालेंगे। राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से इस मार्च के लिए रास्ते खोले रखने को कहा है। टिकैत ने हालांकि ये नहीं बताया कि अगर मार्च को रोका जाएगा, तो आंदोलनकारी क्या करेंगे। बता दें कि बीती 26 जनवरी को किसानों के मार्च के दौरान दिल्ली में जबरदस्त हिंसा हुई थी।