
नई दिल्ली। ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में 21 साल की दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस अब निकिता जैकब और शांतनु मुलुक नाम के शख्स की तलाश में जुट गई है। बता दें कि इन दोनों की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। हालांकि इससे राहत पाने के लिए निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था। जैकब ने अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी दी थी, जिसपर अदालत अब बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि निकिता जैकब ने कोर्ट से गिरफ्तारी से चार हफ्तों की सुरक्षा मांगी है। हालांकि उन्हें यह सुरक्षा मिलेगी या नहीं, वो अब बुधवार को ही साफ हो पाएगा। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने निकिता जैकब की अर्जी पर अपना फैसला कल यानी बुधवार, 17 फरवरी को सुनाएगी।
गौरतलब है कि इस मामले में निकिता की तरफ से उनका पक्ष वकील मिहिर देसाई ने रखा तो वहीं वकील हितेन वेंगांवकर ने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल का पक्ष रखा। वहीं टूलकिट केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने शांतनु मुलुक की अर्जी पर अपना फैसला सुनाते हुए 10 दिनों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी है। बता दें कि शांतनु मुलुक के खिलाफ दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसी को लेकर आज बॉम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद बेंच में सुनवाई हुई।
Activist Nikita Jacob’s transit bail plea: Bombay High Court reserves order on the plea of activist Nikita Jacob, one of the editors of the Toolkit doc. Court reserves order for tomorrow. Delhi Police says no coercive action till then
— ANI (@ANI) February 16, 2021
बता दें कि टूलकिट केस में सोमवार को दिल्ली पुलिस ने कहा कि इन निकिता जैकब, दिशा रवि और शांतनु मुलुक ने मिलकर यह गूगल डॉक्यूमेंट बनाया था और इसे फैलाया था। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने बताया कि इन तीनों ने मिलकर गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के पहले एक जूम मीटिंग कर सोशल मीडिया पर इसकी लहर पैदा करने की रणनीति बनाई थी।