जम्मू। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने नगालैंड में सेना के जवानों के हाथों गांववालों की मौत को सियासत का मुद्दा बना लिया है। इतना ही नहीं फारुक अब्दुल्ला ने भड़काऊ बयान भी दे डाला है। दरअसल फारूक ने नगालैंड की घटना को आधार बनाकर पंजाब के लोगों को डराने की कोशिश की है। उन्होंने इसके लिए बीएसएफ का दायरा बढ़ाने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला दिया है। जम्मू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए फारुक ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर बीएसएफ को सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में छापा मारने, जब्ती और गिरफ्तार करने का हक दिया है। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि मोदी सरकार को पंजाब के लोगों और यहां की पुलिस पर भरोसा नहीं है।
फारूक ने कहा कि पंजाब में बीएसएफ को 50 किलोमीटर के दायरे का अधिकार क्यों दिया गया ? क्या उनकी पुलिस हालात पर काबू नहीं कर सकती ? अब नगालैंड जैसा ही पंजाब में भी हो सकता है। नगालैंड में निर्दोष लोग मारे गए। इंतजार कीजिए, पंजाब में भी ऐसा ही होने जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सोचे-विचारे बिना कदम उठाती रहती है।
Farooq Abdullah fearmongers post Nagaland civilian killings; warns of ‘repeat’ in Punjab https://t.co/be4tDQFksq
— Republic (@republic) December 7, 2021
बता दें कि 4 दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले के ओतिंग गांव में सेना के एक गश्ती दल ने कोयला खदान में काम करने वाले मजदूरों पर फायरिंग कर दी थी। इससे 6 मजदूर मारे गए थे। इससे नाराज गांव के लोगों ने जवानों पर हमला किया था। एक जवान की मौत होने पर सेना ने खुद की सुरक्षा में फिर फायरिंग की थी। जिससे और 7 गांववाले मारे गए थे। सेना का कहना है कि खुफिया सूचना पर वहां आतंकियों की तलाश की जा रही थी। जिस गाड़ी में मजदूर सवार थे, उसे रुकने का संकेत दिया गया, लेकिन ड्राइवर ने जब गाड़ी नहीं रोकी, तो फायरिंग की गई। इस मामले में नगालैंड सरकार ने एसआईटी की जांच भी शुरू की है। जबकि, सेना ने भी कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया है।