
नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने अग्निवीरों के बारे में बयान दिया था। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए लोकसभा में कहा था कि शहीद होने पर अग्निवीर के परिवार को मुआवजा नहीं दिया जाता। राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि अग्निवीर को शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाता। अब मीडिया की खबर के अनुसार एक शहीद अग्निवीर के पिता ने राहुल गांधी के इन दोनों आरोपों को गलत बताया है।

मीडिया ने शहीद हुए अग्निवीर अक्षय गवाटे के पिता के हवाले से ये खबर दी है। अक्षय के पिता लक्ष्मण गवाटे ने बताया है कि उनके बेटे के शहीद होने पर 1.10 करोड़ का मुआवजा मिला था। लक्ष्मण गवाटे ने ये भी बताया कि उनके बेटे के निधन के बाद सेना की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया था। इस बयान से साफ हो जाता है कि अग्निवीर की तैनाती के दौरान शहादत पर सेना की तरफ से मुआवजा भी दिया गया और सम्मान भी मिला। अक्षय गवाटे महाराष्ट्र के बुलढाणा के थे। सियाचिन में अक्षय गवाटे की तैनाती थी। वहां अक्षय को हार्ट अटैक हुआ था। जिसके बाद अक्षय का निधन हो गया था।
अग्निवीर को भले ही पेंशन नहीं दी जाती और सिर्फ 4 साल की सेवा ही तय है, लेकिन ड्यूटी के दौरान मौत पर 48 लाख का बीमा, 44 लाख रुपए अनुग्रह राशि, 4 साल तक की पूरी तनख्वाह और सेवा निधि में जमा पूरी रकम मिलती है। ड्यूटी में मौत न हुई, तो अग्निवीर के परिवार को 48 लाख बीमा की रकम और सेवा निधि कोष का धन मिलता है। 100 फीसदी विकलांग होने पर 44 लाख, 75 फीसदी विकलांगता पर 25 लाख और 50 फीसदी विकलांग होने पर 15 लाख की अनुग्रह राशि, 4 साल का पूरा वेतन और सेवा निधि में जमा रकम अग्निवीर को दी जाती है।