मुंबई। शिवसेना में दो फाड़ हुए एक साल हो गया है। 20 जून 2022 को ही एकनाथ शिंदे ने अपने साथी विधायकों को लेकर उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था। इसके बाद बीजेपी की मदद से उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम का पद हासिल कर लिया था। शिवसेना में हुई इस टूट-फूट के एक साल पूरे होने पर ये मामला अब संयुक्त राष्ट्र यानी UN तक जा पहुंचा है। उद्धव ठाकरे के करीबी और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शिवसेना में हुई टूट की बरसी पर यूएन के महासचिव को चिट्ठी लिखी है। संजय राउत ने यूएन से मांग की है कि 20 जून की तारीख को अंतरराष्ट्रीय गद्दार दिवस घोषित किया जाए।
इससे पहले सोमवार को उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे के बीच बयानों की जंग चली थी। दरअसल, सोमवार को शिवसेना का स्थापना दिवस था। इस मौके पर शिवसेना के नाम और निशान पर कब्जा जमा चुके एकनाथ शिंदे और पार्टी गंवा चुके उद्धव ठाकरे ने अलग-अलग कार्यक्रम किए। अपने कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे बार-बार कहते हैं कि हमने हिंदुत्व छोड़ दिया। याद है कि कांग्रेस सत्ता में थी, तो वे ही कहते थे कि इस्लाम खतरे में है। अब बीजेपी सत्ता में है, तो कहा जा रहा है कि हिंदुत्व खतरे में है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इसका साफ मतलब है कि वे शासन करने लायक नहीं हैं।
उद्धव के निशाना लगाते ही शिवसेना के कार्यक्रम में शामिल सीएम एकनाथ शिंदे ने पलटवार करने में कसर नहीं रखी। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को अपना स्क्रिप्ट राइटर बदलना चाहिए। एकनाथ शिंदे ने कहा कि पिछले साल 20 जून को जो हुआ, उसके लिए शेर का जिगर चाहिए। शिंदे ने कहा कि आप हमें गद्दार कहते हैं, लेकिन आपने कुर्सी के लिए बालासाहेब के विचारों से गद्दारी की। शिंदे ने उद्धव को सिर्फ नाम का सीएम बताया और कहा कि सरकार को तो एनसीपी और कांग्रेस चला रही थी। यहां तक कि पार्टी के लिए काम करते वक्त हम पर कई केस हुए। ईडी का एक नोटिस मिलने पर आप तुरंत पीएम मोदी से मिलने दिल्ली चले गए थे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि सबकुछ पता है, लेकिन मैं ज्यादा नहीं कहूंगा।