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Fight For Mainpuri: मैनपुरी में ससुर मुलायम की विरासत की जंग लड़ रही हैं डिंपल, लेकिन बीजेपी से है बड़ा खतरा

इस सीट पर शाक्य, दलित, लोधी और ब्राह्मण वोटर भी काफी हैं। अगर शाक्य, दलित, लोधी और ब्राह्मण वोटरों को बीजेपी अपने पाले में आज कर सकी, तो सपा के लिए सीट निकालना काफी मुश्किल हो सकता है। हालांकि, पलड़ा किसका भारी रहा, ये 8 दिसंबर को काउंटिंग से ही पता चलेगा।

मैनपुरी। यूपी के मैनपुरी में लोकसभा सीट पर आज उपचुनाव हो रहा है। वोट पड़ रहे हैं। यहां का चुनाव सत्तारूढ़ बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के बहुत अहम है। मैनपुरी की सीट मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई है। साफ है कि यहां मुलायम की विरासत बचाने के लिए सपा और उसे छीनने के लिए बीजेपी मैदान में उतरी हैं। सपा की तरफ से मुलायम सिंह की बड़ी बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। वहीं, बीजेपी ने रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है। रघुराज सिंह शाक्य पहले डिंपल के चचिया ससुर यानी मुलायम के सगे भाई शिवपाल सिंह यादव के करीबी हुआ करते थे।

dimple yadav and akhilesh

सपा को पूरी उम्मीद है कि वो मैनपुरी की सीट हर हाल में फिर से जीत लेगी। ये सीट मुलायम यादव और मुस्लिम वोटरों के दम पर जीतते रहे। इस सीट पर शाक्य, दलित, लोधी और ब्राह्मण वोटर भी काफी हैं। अगर शाक्य, दलित, लोधी और ब्राह्मण वोटरों को बीजेपी अपने पाले में आज कर सकी, तो सपा के लिए सीट निकालना काफी मुश्किल हो सकता है। हालांकि, पलड़ा किसका भारी रहा, ये 8 दिसंबर को काउंटिंग से ही पता चलेगा, लेकिन फिर भी मैनपुरी पर सबकी नजरें टिकी हैं।

raghuraj singh shakya

वोटों के गणित की बात करते हैं, तो मैनपुरी का ये खाका सामने आता है। मैनपुरी में यादव वोटों की संख्या करीब 4.25 लाख है। इसके अलावा 55000 मुस्लिम हैं। बीजेपी को डिंपल को हराने के लिए 3.25 लाख शाक्य, 1.20 लाख दलित, 1 लाख लोधी और 1.10 लाख ब्राह्मण वोटरों को अपने पाले में करना होगा। ये काम अगर बीजेपी कर ले गई, तो उसे मैनपुरी सीट मुलायम के परिवार से छीनने में आसानी होगी। शाक्यों की संख्या बीजेपी के लिए मुफीद है। इसी वजह से उसने रघुराज सिंह शाक्य को यहां मैदान में उतारा भी है।