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छोटी बचत योजनाओं को लेकर सरकार ने दी खुशखबरी, ब्याज दरों को घटाने के फैसले को लिया वापस

Interest Rates Small Savings: इससे पहले ब्याज दरों में कटौती करने के फैसले को लेकर सरकार की चारों तरफ से आलोचना भी हो रही थी। जिसमें छोटी बचत के ध्येय से पैसे जुटाने वालों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही थीं।

नई दिल्ल। 31 मार्च को खबर सामने आई कि, केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं को लेकर लोगों को झटका दे दिया है। खबरों में कहा गया था कि, सरकार ने छोटी बचतों पर ब्याज दरें घटा दी हैं। इस खबर के बाद बचत योजनाओं में पैसे लगाने वालों को झटका लगा था। ऐसे में गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट के जरिए लोगों को खुशखबरी देते हुए बताया कि, ब्याज दरों की कटौती वाले फैसले को वापिस ले लिया गया है। बता दें कि ब्याज दरों में कटौती करने के फैसले को वापस लेने के बाद अब सभी छोटी बचतों पर पुरानी यानी 2020-21 की दरें लागू होंगी। इससे पहले बुधवार को सरकार ने छोटी बचत पर ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लिया था। जिसने आम लोगों को बड़ा झटका दिया था। बता दें कि पहले के फैसले के मुताबिक सरकार ने पीपीएफ, टर्म डिपॉजिट, बचत खातों, आरडी से लेकर बुजुर्गों के लिए बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती कर दी थी।

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बता दें कि इसको लेकर कहा गया था कि कटौती वाली नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी और 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेंगी। फिलहाल, आज सरकार ने इस फैसले को बदल दिया है। अब पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। वहीं इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्वीट में बताया कि 2020-21 की बीती तिमाही में जो दरें थी, वहीं दरें अब लागू होंगी। जो आदेश कल पास किये गये थे, उन्हें वापस ले लिया गया है।

Nirmla Sitaraman Tweet interest Rate

बता दें कि इससे पहले ब्याज दरों में कटौती करने के फैसले को लेकर सरकार की चारों तरफ से आलोचना भी हो रही थी। जिसमें छोटी बचत के ध्येय से पैसे जुटाने वालों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही थीं।

इससे पहले लिए गए फैसले के मुताबिक-

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बचत खातों में जमा राशि पर वार्षिक ब्याज को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी किया गया था। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर अब तक 7.1 फीसदी वार्षिक ब्याज को घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया था। एक साल के लिए जमा राशि पर तिमाही ब्याज दर को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी किया गया था। बुजुर्गों को बचत योजनाओं पर अब 7.4 फीसदी की जगह केवल 6.5 फीसदी तिमाही ब्याज देने की घोषणा की गई थी।