श्रीरंगपटनम। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार पर एफआईआर हो गई है। एफआईआर की वजह शिवकुमार की एक हरकत है। पिछले दिनों शिवकुमार ने श्रीरंगपटनम में अपनी एक यात्रा के दौरान जमकर नोट लुटाए थे। पुलिस ने इसी मामले में केस दर्ज किया है। डीके शिवकुमार ने 28 मार्च को श्रीरंगपटनम में प्रजा ध्वनि यात्रा रोड शो किया। इस रोड शो में कुछ कलाकार भी कांग्रेस का प्रचार कर रहे थे। अपने प्रचार वाहन की छत पर खड़े डीके शिवकुमार इन कलाकारों पर 500-500 के नोट फेंकते कैमरे में कैद हुए। बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर कार्रवाई की मांग की थी। वहीं, कांग्रेस का कहना था कि शिवकुमार ने कलाकारों को सम्मानित करने के लिए उनको पैसे दिए।
#WATCH | Karnataka Congress Chief DK Shivakumar was seen throwing Rs 500 currency notes on the artists near Bevinahalli in Mandya district during the ‘Praja Dhwani Yatra’ organized by Congress in Srirangapatna. (28.03) pic.twitter.com/aF2Lf0pksi
— ANI (@ANI) March 29, 2023
चुनावों में धनबल का इस्तेमाल नई बात नहीं है, लेकिन चुनावी रेवड़ियों को इस तरह बांटने में दक्षिण भारत के राज्य में सियासी दलों ने अपना बड़ा हथियार बना रखा है। कर्नाटक से लेकर केरल तक चुनावी वादों में पैसा, जेवर, टीवी और न जाने क्या-क्या देने का वादा सियासी दल करते हैं। बात अगर कर्नाटक की करें, तो यहां कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर आरोप लगाती रहती है कि वो 40 फीसदी कमीशन लेकर ही काम करती है। वहीं, शिवकुमार के पैसा लुटाते वीडियो को बीजेपी ने धनबल से वोट हासिल करने का तरीका बताया था।
चुनाव संबंधी कानून का भी इससे उल्लंघन होता है। चुनाव के कानूनों के मुताबिक वोटरों को पैसा या किसी चीज का प्रलोभन कोई पार्टी नहीं दे सकती। धर्म, जाति या संप्रदाय के आधार पर वोटरों को अपने पक्ष में लाने को भी अवैध माना जाता है। कर्नाटक में प्रशासन ने कुछ दिन पहले से ही चुनावी तैयारी शुरू करते हुए तमाम चेकपोस्ट बनाए। ताकि फ्री की शराब और पैसे के जरिए चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों की धरपकड़ हो सके। अब तक कई ऐसे लोगों को पकड़ा भी जा चुका है।