नए दिल्ली। राजकोट में टीआरपी गेमिंग ज़ोन में लगी भीषण आग से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, इस आग में जलने से अब तक 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बता दें कि ये आग शनिवार को लगी थी, गेमिंग जोन में लापरवाही के चलते आग तेजी से विनाशकारी कांड में बदल गई। इसके बाद घटनास्थल से जिस प्रकार के दर्दनाक वीडियो और तस्वीरें सामने आए वो घटना की भयावहता को दर्शाते हैं, क्योंकि जो बच्चे गेमिंग ज़ोन के अंदर खेल रहे थे वे आग की लपटों में फंस गए थे। वो मदद के लिए गुहार लगाते रहे और आखिरकार धुंए और आग की लपटों के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया।
घटना की जांच में गेमिंग ज़ोन में खतरनाक सुरक्षा उल्लंघनों का खुलासा हुआ है। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि सुविधा के पास फायर सेफ्टी NOC और पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं थे। चौंकाने वाली बात यह है कि आग बुझाने वाले यंत्र ठीक से स्थापित नहीं थे, आग बुझाने वाले फायर एक्सटिंग्विशर प्लास्टिक बैग में लपेटे हुए और एक कोने में रखे हुए पाए गए। अगर फायर एक्सटिंग्विशर ठीक जगह पर रखे होते, और उनका प्रॉपर इस्तेमाल होता तो शायद ये इतनी विनाशकारी घटना नहीं घटी होती।
2021 में स्थापित, गेमिंग ज़ोन ने फायर एनओसी के लिए आवेदन भी नहीं किया था। इसके अतिरिक्त, यह पता चला कि सुविधा में जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल और गो-कार्ट रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल स्टोर करके रखा था। इन अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थों की उपस्थिति ने आग के तेजी से फैलने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और देखते ही देखते ये आग कई जिंदगियों को