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Meghalaya: पहले मणिपुर हिंसा की आग में जला, अब मेघालय में बवाल का डर, आरक्षण को लेकर 17 मई को धरना देगी VPP

Meghalaya: मिरबोह ने कहा कि हमारी ओर से कहा गया था कि राज्य नौकरी आरक्षण नीति और रोस्टर प्रणाली कार्यान्वयन की एक्सपर्ट कमेटी द्वारा रिव्यू किए जाने तक तक इसे स्थगित किया जाए। लेकिन इसको लेकर एनपीपी के नेतृत्व वाली एमडीए 2.0 सरकार का रवैया अड़ियल है। इसको लेकर पार्टी ने बुधवार, 17 मई, 2023 को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक अतिरिक्त सचिवालय के पास पार्किंग स्थल पर धरना-प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इसमें हमारे सभी कार्यकर्ता शामिल होंगे।

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के राज्यों पर हिंसा की बादल मंडरा रहे हैं। एक तरफ मणिपुर राज्य की तीन जनजातियों के बीच हिंसा की आग में झुलस रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अब मेघालय में भी बवाल की आहट सुनाई देने लगी है। पहले मणिपुर और अब मेघालय में भी आरक्षण के मामले को लेकर माहौल गर्म होने लगा है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर धरना देने का ऐलान कर चुके हैं, 17 मई को वॉयस ऑफ द पीपुल्स पार्टी (वीपीपी) ने राज्य के भीतर धरना-प्रदर्शन करने का निश्चय कर लिया है।


ये धरना वीवीपी की उस मांग के बाद दिया जाएगा जब पहले ही दल ने आरक्षण नीति की समीक्षा होने तक प्रदेश में सभी भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग उठाई थी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि वीवीपी ने प्रदेश सरकार पर ऐसा आरोप लगाया है कि उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, इस बारे में मीडिया के सामने बात करते हुए वीवीपी के प्रवक्ता मिरबोह ने कहा कि पार्टी ने प्रदेश के भीतर सभी भर्ती प्रक्रियाओं को रोकने की मांग राज्य सरकार के सामने रखी थी।

मिरबोह ने कहा कि हमारी ओर से कहा गया था कि राज्य नौकरी आरक्षण नीति और रोस्टर प्रणाली कार्यान्वयन की एक्सपर्ट कमेटी द्वारा रिव्यू किए जाने तक तक इसे स्थगित किया जाए। लेकिन इसको लेकर एनपीपी के नेतृत्व वाली एमडीए 2.0 सरकार का रवैया अड़ियल है। इसको लेकर पार्टी ने बुधवार, 17 मई, 2023 को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक अतिरिक्त सचिवालय के पास पार्किंग स्थल पर धरना-प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इसमें हमारे सभी कार्यकर्ता शामिल होंगे।