
नई दिल्ली। कानपुर में हुए मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे आज सुबह एनकाउंटर में मारा गया। विकास को उत्तर प्रदेश का सबसे खतरनाक गैंगस्टर माना जा रहा था। उसके मारे जाने के बाद उसकी मां सरला देवी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, उनका विकास दुबे से कोई संबंध नहीं हैं। पुलिस को उन्होंने बताया कि वो कानपुर नहीं जाना चाहती है।
अपराधी विकास दुबे के मारे जाने पर सरला दुबे ने कहा कि, उनका विकास दुबे से कोई संबंध नहीं हैं। बता दें कि इससे पहले भी सरला दुबे ने मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से उसकी गिरफ्तारी के बाद कहा था कि सरकार जो उचित समझे वो कार्रवाई तय करे। साथ ही विकास की मां ने ये भी बताया है कि इस वक्त वो समाजवादी पार्टी से जुड़ा था।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार होने के बाद विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही यूपी एसटीएफ का वाहन कानपुर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी वाहन में विकास दुबे भी सवार था। बताया जा रहा है कि वाहन पलटने के बाद विकास पुलिस कर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई जिसमें विकास दुबे की मौत हो गई।
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने एनकाउंटर की पुष्टि करते हुए कहा कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिसवालों का हथियार छीनकर भाग निकला। उसे सरेंडर करने का मौका दिया गया था, लेकिन विकास दुबे ने फायरिं शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई है।
बता दें कि विकास दुबे का अपराध जगत से गहरा नाता रहा है। उसका संबंध कई राजनीतिक पार्टियों से रहा। राजनीति संरक्षण के कारण उसका अपराध फलता-फूलता रहा। अपने संरक्षण के लिए राजनीति का भी उसने चोला ओढ़ रखा था। इसके खिलाफ 60 अपराधिक मुकदमें दर्ज थे। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी था।
वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप था।