
धनबाद। पहलगाम में पर्यटकों की सामूहिक हत्या के बाद हर राज्य में चौकसी बरती जा रही है। इसी चौकसी के तहत झारखंड पुलिस ने धनबाद से आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर यानी एचयूटी के पांचवें संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। अखबार दैनिक जागरण के मुताबिक एक हफ्ते में ही धनबाद से हिज्ब उत तहरीर के पांच संदिग्ध धरे जा चुके हैं। जिसे झारखंड एटीएस ने गिरफ्तार किया है, वो धनबाद के ही भूली ओपी क्षेत्र के शमशेर नगर का निवासी यासिर अम्मार है। हिज्ब उत तहरीर के संदिग्ध सदस्य यासिर अम्मार के मोबाइल से आतंकी संगठन के कई दस्तावेज मिले हैं।

झारखंड एटीएस सूत्रों के मुताबिक यासिर अम्मार ने पूछताछ में कबूलाहै कि वो पहले आईएम यानी इंडियन मुजाहिदीन नाम के खतरनाक आतंकी संगठन से जुड़ा था। उस मामले में उसे राजस्थान की जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यासिर अम्मार ने झारखंड एटीएस से कबूला है कि वो करीब 10 साल जेल में रहा और मई 2024 में जमानत मिलने पर बाहर आया। राजस्थान की राजधानी जयपुर में एसओजी ने यासिर अम्मार पर 2024 में यूएपीए और विस्फोटक संबंधी केस दर्ज किया था। वहीं, साल 2019 में जयपुर के ही लालकोठी थाने में केस हुआ। इससे पहले साल 2014 में जोधपुर के प्रतापनगर थाने में भी यासिर अम्मार पर केस दर्ज किया गया था।
यासिर अम्मार ने पूछताछ में बताया है कि वो धनबाद में हिज्ब उत तहरीर के अन्य सदस्यों अयान जावेद, शबनम परवीन, गुलफाम हसन और शहजाद आलम के संपर्क में था। यासिर अम्मार से पहले झारखंड एटीएस ने 26 अप्रैल को धनबाद के बैंक मोड़ा थाना इलाके से बाकी चारों को गिरफ्तार किया था। 30 अप्रैल को सभी को रिमांड में लेकर पूछताछ की गई। इस दौरान यासिर अम्मार के भी हिज्ब उत तहरीर में होने की जानकारी मिली। जिसके बाद उसे भी पकड़ा गया। झारखंड एटीएस का दावा है कि सभी आरोपी हिज्ब के अलावा अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेट, आईएसआईएस, इंडियन मुजाहिदीन वगैरा से जुड़कर युवाओं को इंटरनेट और अन्य माध्यमों से गुमराह कर रहे थे। आरोप है कि ये सभी अवैध हथियार का कारोबार भी करते थे। सभी के पास से हथियार, कारतूस, आतंकी संगठनों के दस्तावेज, किताबें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी मिले हैं।