नई दिल्ली। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी और जगद्गुरु कृपालु परिषद की अध्यक्षा डा. विशाखा त्रिपाठी के असामयिक निधन से हर कोई स्तब्ध है। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के अनुयायी और भक्त सभी शोक में हैं। भक्त और अनुयायी डा. विशाखा त्रिपाठी को बड़ी दीदी कहकर बुलाते थे। 15 नवंबर 2013 को जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की मृत्यु के बाद से डा. विशाखा त्रिपाठी ने अपने पिता के आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाया। आपको बता दें कि रविवार 24 नवम्बर को यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर में हुई सड़क दुर्घटना में डा. विशाखा त्रिपाठी की मृत्यु हो गई जबकि उनसे छोटी उनकी दो बहनें डा. श्यामा त्रिपाठी और डा. कृष्णा त्रिपाठी घायल हो गईं।
डॉ.विशाखा त्रिपाठी जी का आखिरी वीडियो pic.twitter.com/UL6pUFWP8j
— Anurag Mishra (@Anurag6403) November 29, 2024
अपने आखिरी वीडियो में बड़ी दीदी डा. विशाखा त्रिपाठी ने अनुयायियों से जो बातें कही थीं उसमें उन्होंने कुछ ऐसा बोला जो जीवन का एक कटु सत्य है, मानो उनको पहले से ही आभास हो गया था। वीडियो में उनको कहते हुए सुना जा सकता है कि भगवान को याद करो वही मिलेंगे, उनसे ही हमारे संबंध हैं। दिन बहुत कम रह गए हैं, कभी भी टिकट कट सकता है इसलिए हर समय उन्हीं का स्मरण करो। एक क्षण का भरोसा नहीं है। डा. विशाखा त्रिपाठी का वृंदावन में बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से अपनी बड़ी दीदी को आखिरी विदाई दी। सभी अनुयायियों ने जगद्गुरु कृपालु परिषद के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उनके अनुयायी अभी भी इस बात पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं कि उनकी बड़ी दीदी अब इस दुनिया में नहीं हैं।
जगद्गुरु कृपालु परिषद के बारे में
जगद्गुरु कृपालु परिषद एक ऐसा धार्मिक संगठन है जो धर्म के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा भी करता है। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज द्वारा 1970 में इस संगठन की स्थापना की गई थी। जगद्गुरु कृपालु परिषद द्वारा भारत ही नहीं वरन् वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक मार्गदर्शन का काम किया जाता है। इसके साथ ही समाज के वंचित और शोषित बच्चों के लिए शिक्षा तथा गरीबों को बेहतर इलाज भी इस संगठन के द्वारा मुहैया कराया जाता है।