नई दिल्ली। मणिपुर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने मंगलवार को दिल्ली में एक पैनल चर्चा के दौरान राज्य में हिंसा की वजह बताई। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा कि मणिपुर में अदृश्य ताकतें हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं और राज्य को जला रही हैं। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि मणिपुर में हालात को तुरंत कंट्रोल करना जरूरी है। वरना यहां कुछ भी नहीं बचेगा। मणिपुर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि कुछ तत्व चाहते हैं कि मणिपुर लगातार जलता रहे। उन्होंने कहा कि अब वो सहमत हैं कि मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के पीछे अदृश्य ताकतों का हाथ है। जस्टिस मृदुल ने कहा कि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि मणिपुर में हिंसा के पीछे किसका हाथ है, लेकिन ये बाहरी और भीतरी हो सकते हैं।
मणिपुर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा कि वो इसलिए ऐसा कह रहे हैं, क्योंकि हर बार शांति होने के बाद हिंसा की ताजा लहर आती है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि कोई न कोई मणिपुर में हिंसा को बढ़ाने में शामिल है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष का अंत होता नहीं दिख रहा। मणिपुर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा कि बड़ी तादाद में राज्य में सुरक्षाबल तैनात किए गए, लेकिन हिंसा प्रभावित अब भी घर नहीं लौट पा रहे हैं। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाली प्राथमिकता के तौर पर होनी चाहिए। वरना हालात बिगड़ सकते हैं और दूसरे राज्यों में भी हिंसा फैल सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जैसे वहां किसी का भी कंट्रोल नहीं है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पद अक्टूबर 2023 में संभाला था। उससे पहले ही वहां हिंसा शुरू हो चुकी थी। मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सेना और सीआरपीएफ समेत केंद्रीय बलों के 60000 जवान तैनात किए हैं। फिर भी बीच-बीच में हिंसा का दौर शुरू हो जाता है। मणिपुर की हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा हो रही है। मणिपुर हाईकोर्ट के आरक्षण संबंधी एक आदेश के बाद यहां मई 2023 में हिंसा भड़की थी।