नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने केंद्र के कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। केंद्र सरकार ने बंदोपाध्याय को 31 मई को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था। इसी दिन वह सेवानिवृत्त होने जा रहे थे। इससे पहले भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी सरकार राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को बचा रही हैं क्योंकि वह राज्य में कोविड-19 प्रबंधन संबंधी तृणमूल कांग्रेस सरकार की अनियमितताओं के बारे में जानते हैं।
वर्ष 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अलपन बंदोपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी जो उन्हें पिछले माह मिल गई थी। राज्य सरकार ने इसके लिए पश्चिम बंगाल में जारी कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रबंधन को लेकर उनके नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों का हवाला दिया था।
सूत्रों के अनुसार, अलपन बंदोपाध्याय ने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने वही किया जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया। सूत्रों के अनुसार अलपन ने समीक्षा बैठक के दिन समय सीमा के साथ चीजों को स्पष्ट करते हुए जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह उस समय मुख्यमंत्री के साथ थे और उत्तर और दक्षिण 24 परगना में हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे। वह प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुमति पर दीघा गए थे।
चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 28 मई को मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ समीक्षा बैठक के बाद उठे विवाद के बाद बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली स्थित नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने को कहा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में नहीं आने के बाद केंद्र ने पहले ही अलपन बंदोपाध्याय पर कड़ा रुख अपनाया। पहले केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने अलपन को दिल्ली बुलाया, लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें दिल्ली नहीं भेजा। अब मुख्यमंत्री ममता ने उन्हें चीफ सेक्रेटरी के पद से हटाकर अपना सलाहकार नियुक्त कर दिया है।