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Atiq Ashraf Murder: अतीक अहमद को भारत रत्न दिलाने की मांग करने वाले पूर्व कांग्रेस नेता की बढ़ी मुश्किलें, दर्ज हुई FIR

Atiq Ashraf Murder: राजकुमार ने अतीक अहमद को भारत रत्न दिलाए जाने की मांग की थी और सरकार से सवालिया लहजे में पूछा था कि आखिर क्यों नहीं उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने के दौरान उनके शव को तिरंगे से लपेटा गया है।

नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद को भारत रत्न दिलाने की मांग करने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता राजकुमार के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसा है। राजकुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने के बारे में विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि हिरासत में पुलिस राजकुमार से पूछताछ करेगी और यह जानने का प्रयास करेगी कि आखिर उन्होंने ऐसा बेतुका बयान क्यों दिया? बता दें कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का दावा है कि उन्हें ऐसा बेतुका बयान देने के लिए बीजेपी की ओर से पैसे दिए गए। अब इस बात में कितनी सच्चाई है, यह तो फिलहाल पूछताछ के बाद  ही पता चल पाएगा।

कांग्रेस ने किया निष्काषित

गौरतलब है कि राजकुमार के बेतुके बयान की वजह से कांग्रेस ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सामने आए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जब राजकुमार लगातार अतीक को भारत रत्न दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं, तो एक शख्स एकाएक उनके पास आता है और उन्हें ऐसा बयान देने से रोकता है, लेकिन इसके बावजूद भी राजकुमार नहीं मानते और वो लगातार अतीक के भारत रत्न दिलाए जाने की पैरवी करते हैं।

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आखिर राजकुमार ने क्या कहा था?

बता दें कि राजकुमार ने अतीक अहमद को भारत रत्न दिलाए जाने की मांग की थी और सरकार से सवालिया लहजे में पूछा था कि आखिर क्यों नहीं उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने के दौरान उनके शव को तिरंगे से लपेटा गया? इसके अलावा कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अतीक के कब्र को तिरंगे से ढका है, लेकिन अभी इस बात को पुख्ता नहीं किया जा सकता है, क्योंकि प्रयागराज स्थित कसारी-मसारी मस्जिद के बाहर मौजूदा वक्त में भारी संख्या में पुलिसबलों को तैनात किया गया है।  उधर, अब कांग्रेस की ओर से इस पर प्रतिक्रिया की मांग की जा रही है।

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ध्यान रहे कि इससे पहले राजद नेता व बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अतीक को अतीक जी कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद वे सवालों के घेरे में आ गए थे। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद  ने उन पर निशाना साधा था। वहीं गिरिराज ने उन्हें सुझाव दिया कि वे अपने कार्यालय में अतीक की तस्वीर ही लगा लें, लेकिन आपको बता दें कि तेजस्वी ने अपने बयान में यह स्पष्ट कर दिया था कि हमारी माफियाओं के साथ कोई सहानुभूति नहीं है, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रहे कि आरोपियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर होनी चाहिए।

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हालांकि, जिस तरह से पुलिस अभिरक्षा में पत्रकारों के भेष में आए तीनों आरोपियों ने अतीक अहमद को प्रयागराज स्थित काल्विन अस्पताल के बाहर मौत के घाट उतारा है, उसके बाद से लगातार विपक्षियों द्वारा योगी सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए योगी सरकार द्वारा तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है, जिसे मामले की जांच रिपोर्ट शासन को  सौंपने के लिए तीन माह का वक्त दिया गया है। इसके अलावा दो एसआईटी का भी गठन किया गया है।