प्रयागराज। दुर्दांत माफिया के तौर पर पहचान रखने वाले अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को शनिवार रात प्रयागराज में 3 हमलावरों ने गोलियों से भून डाला। अतीक के सिर से सटा कर गोली मारी गई। लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी नाम के तीनों हमलावरों ने घटना के बाद सरेंडर कर दिया। अतीक और अशरफ के अंत की ये पूरी कहानी 51 दिनों में खत्म हो गई। इसी दौरान अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम को भी पुलिस ने मार गिराया। इस साल 24 फरवरी की शाम उमेश पाल की हत्या से 15 अप्रैल की रात तक की ये कहानी किसी फिल्म जैसी लगती है।
24 फरवरी 2023 को अतीक के बेटे असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और अन्य ने उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली और बम मारकर हत्या कर दी। इससे प्रयागराज में सनसनी फैल गई। पुलिस ने 27 फरवरी को शूटर अरबाज को मार गिराया और उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने वालों में शामिल सदाकत नाम के वकील को गिरफ्तार किया। 5 मार्च को असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर नाम के हत्यारों पर ढाई-ढाई लाख का इनाम घोषित हुआ। जिसे बाद में 5-5 लाख कर दिया। 6 मार्च को शूटर उस्मान चौधरी पुलिस से मुठभेड़ में ढेर हुआ।
12 मार्च को पुलिस ने अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को साजिशकर्ता के तौर पर चिन्हित किया। शाइस्ता फरार हो गई। उस पर पहले 25000 और फिर बाद में 50000 रुपए का इनाम रखा गया। 28 मार्च को उमेश पाल को अगवा करने के मामले में प्रयागराज के कोर्ट ने अतीक और उसके वकील को उम्रकैद की सजा सुनाई। 2 अप्रैल को पुलिस ने मेरठ से अतीक अहमद के बहनोई अखलाक को गिरफ्तार किया। उसने असद और गुड्डू मुस्लिम को पनाह दी थी। 8 अप्रैल को अतीक की बहन आयशा नूरी भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाई गई। 13 अप्रैल को यूपीएसटीएफ ने झांसी के पारीछा डैम के पास अतीक के फरार बेटे असद और शूटर गुलाम को मार गिराया। इसके बाद 15 अप्रैल को सुबह असद और शूटर गुलाम को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। वहीं, रात में अतीक और अशरफ की मेडिकल कराने ले जाते वक्त हॉस्पिटल के बाहर हत्या कर दी गई।