मुंबई/गुवाहाटी। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे के बीच जारी सत्ता संग्राम हर दिन नया मोड़ भी ले रहा है और रोचक भी होता जा रहा है। ताजा जानकारी ये है कि विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल बागी गुट के 16 विधायकों को नोटिस जारी कर सकते हैं। जिरवाल आज इन विधायकों से पूछ सकते हैं कि आखिर शिवसेना की ओर से उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग मान क्यों न ली जाए? वहीं, दो निर्दलीय विधायकों ने जिरवाल के एक फैसले की वैधता को ही चुनौती दे दी है। योगेश बाल्दी और विनोद अग्रवाल ने कहा है कि शिवसेना के विधायक अजय चौधरी को उसके विधायक दल का नया नेता आखिर जिरवाल ने कैसे बना दिया? बाल्दी और अग्रवाल के मुताबिक ये फैसला तो अध्यक्ष ही ले सकते हैं। दोनों ने कहा है कि वे कानूनी कदम उठाने वाले हैं।
उधर, शिवसेना से बगावत करने वाले विधायकों के दल के नेता एकनाथ शिंदे की ओर से मीडिया को बताया गया है कि उनके साथ 40 विधायक हैं और वे अब शिवसेना के नाम और पार्टी सिंबल को हासिल करने के लिए कोर्ट का रुख करेंगे। एकनाथ शिंदे इससे पहले ही साफ कर चुके हैं कि उन्हें कानून पता है और नियमों के तहत अब शिवसेना में दो-तिहाई से ज्यादा लोग नहीं हैं। ऐसे में उन्हें ही असली शिवसेना माना जाना चाहिए। ऐसे में सत्ता का संग्राम अब कुछ और दिन चलने के आसार लग रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा में पहले नाना पटोले विधानसभा अध्यक्ष थे। फरवरी 2021 में उनको कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। तभी से विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली है। वहीं, शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे को हटाने और अजय चौधी को पार्टी के विधायक दल का नेता नियुक्त करने को जिरवाल ने मंजूरी दे दी थी। बता दें कि एकनाथ शिंदे के साथ करीब 40 विधायक इस वक्त गुवाहाटी में एक होटल में हैं। एकनाथ को शिवसेना ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था। इसे भी शिंदे ने गलत बताया है और कहा है कि जब उद्धव ठाकरे के साथ बहुमत है ही नहीं, तो वे इस तरह का फैसला कर ही नहीं सकते।