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WB: ‘बंगाल पुलिस ने मेरे साथ मारपीट की….’, कोलकाता में बच्ची की मौत का मामला गरमाया, NCPCR प्रमुख ने लगाए गंभीर आरोप

बीते दिनों पश्चिम बंगाल के तिलजिला में एक 7 वर्षीय बच्ची की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। शुरुआती तफ्तीश के आधार पर दावा किया गया कि तांत्रिक गतिविधियों के जाल में फंसाकर बच्ची को मौत के मुंह में धकेला गया है, लेकिन इसे अंतिम सच के रूप में नहीं देखा जा रहा है, क्योंकि मामले को लेकर विभिन्न प्रकार के पहलू प्रकाश में आ रहे हैं, जिसकी जांच करने एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियंक कानूनगो बंगाल गए थे।

नई दिल्ली। हावड़ा हिंसा को लेकर बंगाल में जारी सियासी घमासान अभी थमा भी नहीं था कि एक और मुद्दे ने प्रदेश की राजनीति का पारा चढ़ा दिया है। लेकिन इस बार मैदान में कोई सियासी दल का सूरमा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुदेशना रॉय हैं। दोनों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आइए, पहले आपको पूरा माजरा बता देते हैं।

जानें पूरा माजरा

दरअसल, बीते दिनों पश्चिम बंगाल के तिलजिला में एक 7 वर्षीय बच्ची की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। शुरुआती तफ्तीश के आधार पर दावा किया गया कि तांत्रिक गतिविधियों के जाल में फंसाकर बच्ची को मौत के मुंह में धकेला गया है, लेकिन इसे अंतिम सच के रूप में नहीं देखा जा रहा है, क्योंकि मामले को लेकर विभिन्न प्रकार के पहलू प्रकाश में आ रहे हैं, जिसकी जांच करने एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियंक कानूनगो बंगाल गए थे, जहां उन्होंने बंगाल पुलिस और राज्य बाल संरक्षण आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इस पर सियासी प्रतिक्रिया भी आ सकती हैं, तो आइए पहले जान लेते हैं कि आखिर प्रियंक कानूनगो ने क्या आरोप लगाए हैं।

प्रियंक कानूनगो ने क्या आरोप लगाए गए हैं

बता दें कि प्रियंक कानूनगो ने अपने में आरोप कहा कि,’पश्चिम बंगाल के तिलजिला थाने में बंगाल पुलिस के अफ़सर बिस्वाक मुखर्जी ने मेरे साथ छीना छपटी व मार पीट की है। पुलिस के लोग @NCPCR_ की जांच कार्यवाही की चोरी छिपे रिकॉर्डिंग कर रहे थे। विरोध करने पर मेरे साथ मार पीट की है’’।

उधर, प्रियंक कानूनगो ने पूरे मामले को लेकर डीजी को भी पत्र लिखा है। उधऱ, बताया गया है कि कानूनगो ने राज्य बाल आयोग संरक्षण को इस बारे में जानकारी नहीं दी कि वो बंगाल उस बच्ची की माता-पिता से मिलने जा रहे हैं, जिसकी बीते दिनों संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसे लेकर प्रियंक कानूनगो पर सवाल भी उठाए गए हैं। इस पर प्रियंक कानूनगो और राज्य बाल आयोग के बीच वाद-विवाद की स्थिति भी पैदा हो गई। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।