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J&K: अब बाबा अमरनाथ के दर्शन में नहीं आएगी लोहे की ग्रिल की रुकावट, श्राइन बोर्ड ने हटाकर की ये व्यवस्था

किसी समय अमरनाथ गुफा में पवित्र हिमलिंग और अन्य आकृतियों तक भक्त पहुंचते थे। वो उसे छूते भी थे। इससे हिमलिंग तापमान पाकर गलने लगता था। भक्तों को इससे दूर रखने के लिए साल 2007 में लोहे की ग्रिल गुफा के दरवाजे पर लगाई गई थी। इससे भक्त दूर से ही भगवान के लिंग के दर्शन करते थे।

जम्मू। इस बार बाबा अमरनाथ के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शंकर के रूप और खुद के बीच कोई ठोस बाधा नहीं मिलेगी। यहां लगी लोहे की ग्रिल को अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने हटा दिया है। इस ग्रिल की जगह अब कांच की दीवार लगाई गई है। इससे भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती समेत अन्य हिम से बनी आकृतियों को भक्त बिना किसी बाधा के देख सकेंगे। पहले लोहे की ग्रिल लगी होने के कारण भक्तों को दर्शन करने में काफी मुश्किल होती थी। मजबूत कांच की दीवार से हिमलिंग तक ज्यादा तापमान भी नहीं जाएगा और इससे वो काफी समय तक बना रहेगा। इससे भक्तों को लंबे वक्त तक बाबा अमरनाथ के दर्शन की भी सुविधा मिलेगी। साल 2206 में कुछ लोगों ने हिमलिंग से छेड़छाड़ की थी। जिसके बाद लोहे की ग्रिल लगाई गई थी।

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किसी समय अमरनाथ गुफा में पवित्र हिमलिंग और अन्य आकृतियों तक भक्त पहुंचते थे। वो उसे छूते भी थे। इससे हिमलिंग तापमान पाकर गलने लगता था। भक्तों को इससे दूर रखने के लिए साल 2007 में लोहे की ग्रिल गुफा के दरवाजे पर लगाई गई थी। इससे भक्त दूर से ही भगवान के लिंग के दर्शन करते थे। इस बार अमरनाथ यात्रा 30 जून से 11 अगस्त तक जारी रहेगी। श्राइन बोर्ड को उम्मीद है कि करीब 8 लाख श्रद्धालु इस बार पवित्र गुफा तक पहुंचेंगे। इस बार ये फैसला भी हुआ है कि पवित्र अमरनाथ गुफा तक सिर्फ इमरजेंसी में ही हेलीकॉप्टर उतरेंगे। पहले हेलीकॉप्टर यहां उतरता था। जिसके शोर से स्थानीय पर्यावरण पर असर पड़ता था।

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इस बार श्रद्धालु पवित्र गुफा के सामने फोटो भी नहीं खींच सकेंगे। कैमरे के अलावा मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल बैन किया गया है। श्राइन बोर्ड के मुताबिक इस बार श्रद्धालुओं को ज्यादा बेहतर सुविधाएं भी यात्रा मार्ग और पवित्र गुफा में दर्शन करते वक्त मिलेंगी। पवित्र गुफा में लोगों के खड़े होने और पूजा के लिए भी जगह बढ़ाई गई है। साथ ही तापमान को कंट्रोल करने के लिए मशीनें भी लगाई जा रही हैं।