West Bengal: कूचबिहार पहुंचे राज्यपाल जगदीप धनखड़ के सामने लगे ‘गो बैक’ नारे
West Bengal: कूचबिहार के दिनहटा में राज्यपाल धनखड़ के सामने ‘गो बैक’ के नारे लगे, उन्हें काले झंडे दिखाए गए। इससे नाराज होकर राज्यपाल ने सुरक्षा में तैनात एक इंस्पेक्टर को सरेआम डांट दिया।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद भी सियासी तकरार जारी है। इस बीच गुरुवार को जब राज्यपाल जगदीप धनखड़ हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने निकले तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। कूचबिहार के दिनहटा में राज्यपाल धनखड़ के सामने ‘गो बैक’ के नारे लगे, उन्हें काले झंडे दिखाए गए। इससे नाराज होकर राज्यपाल ने सुरक्षा में तैनात एक इंस्पेक्टर को सरेआम डांट दिया। दरअसल, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा निकले थे। दौरे के दौरान राज्यपाल धनखड़ का कूचबिहार में कुछ लोगों ने विरोध करते हुए गो बैक के नारे लगाए। लोगों को इकट्ठा और नारेबाजी करते देख राज्यपाल अपनी गाड़ी से उतरे और कुछ बात की।
बता दें विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कूचबिहार के कुछ हिस्सों में हिंसा देखने को मिली थी। आज जब यहां राज्यपाल पहुंचे तो लोग उनका विरोध करने लगे। हंगामे को लेकर उन्होंने मीडिया से बात की। इस दौरान राज्यपाल धनखड़ ने बंगाल पुलिस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यहां कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। मैं ऐसी घटना कभी सोच भी नहीं सकता था। हिंसा पीड़ितों से मुलाकात के बाद बंगाल के राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि मैंने लोगों की आंखों में पुलिस का डर देखा। वे पुलिस के पास जाने तक से डरते हैं। धनखड़ ने आरोप लगाया कि उनके घरों को लूटा गया। यह लोकतंत्र का विनाश है।
All day witnessed such tales of sorrow, grief and horror as victim after victim narrated horrendous post poll retributive violence incidents @MamataOfficial. Helpless victims in crossfire of police @WBPolice and ruling party workers. Will endeavor to deliberate with CM. pic.twitter.com/mwZqVgPdgy
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 13, 2021
People are in mortal fear of police @WBPolice and ruling dispensation workers.
A dozen ruling party workers could stop my convoy, with no fear of law and police. Such state of affairs @MamataOfficial !
I had to intervene finding they were determined to involve with my security.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 13, 2021
At Coochbehar. Visited several affected areas. Distressed at grim scenario. After listening to tales of sorrow no tears left in my eyes. Never imagined severity of post poll retributive violence @MamataOfficial was much beyond.
One is made to pay with life and rights for voting!
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 13, 2021
राज्यपाल धनखड़ ने ममता पर साधा निशाना, कहा-कोई भी संविधान से ऊपर नहीं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राज्य सरकार की सिफारिशों के अनुसार अपनी यात्रा को सीमित करने के लिए कहा तो धनखड़ ने मुख्यमंत्री और सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि कोई भी संविधान से ऊपर नहीं है और राज्यपाल जैसा संवैधानिक पद प्रशासन अधीन नहीं आता। धनखड़ ने गुरुवार को बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से कूचबिहार में उतरने के बाद कहा, “मुख्यमंत्री ने मुझे क्या लिखा? यही कि मुझे राज्य की सिफारिशों का पालन करना होगा। इससे राज्यपाल का पद प्रशासन के अधीन आ जाएगा।”
राज्यपाल ने सवाल किया, “राज्यपाल केवल राज्य द्वारा अनुशंसित स्थानों पर जाएंगे। क्या भारत के संविधान को सरकार के प्रशासनिक निर्णयों के अंतर्गत आना चाहिए?” राज्यपाल की यह प्रतिक्रिया ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को उन्हें पत्र लिखे जाने के बाद आई है। ममता ने लिखा था कि राज्यपाल को किसी भी स्थान की यात्रा करने के संबंध में अचानक और एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहिए। उन्हें सरकार द्वारा की गई सिफारिशों पर अमल करना चाहिए।
In my response to CM
“In time of such unprecedented crisis @MamataOfficial there was need to act in togetherness with all concerned, including the Governor. It was no time for optics or playing to gallery when we are in the midst of unprecedented post poll retributive violence.”— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 13, 2021
मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा था : “राज्यपाल द्वारा जिलों में स्थानों का दौरा करने का कार्यक्रम राज्यपाल के सचिव किसी निजी पार्टी या सरकारी संस्थान की सिफारिश पर तय करते हैं। उससे पहले वह सरकार और डिवीजन के कमिश्नर और जिलाधिकारी से परामर्श लेते हैं। सचिव ही समग्र कार्यक्रम के उचित निष्पादन के प्रभारी होते हैं।”
मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य सरकार की सिफारिश के बिना कूचबिहार नहीं जाने के लिए भी कहा था। ममता ने लिखा था, “मुझे सोशल मीडिया से पता चला है कि आप 13-5-2021 को कूचबिहार जिले के लिए एकतरफा कार्यवाही कर रहे हैं और दुख की बात है कि मुझे लगता है कि कई दशकों से विकसित हो रहे लंबे समय के मानदंडों का उल्लंघन हो रहा है। इसलिए, मैं उम्मीद करती हूं कि आप प्रोटोकॉल के सुस्थापित नियमों का पालन करेंगे, जैसा कि ऊपर कहा गया है, और क्षेत्र के दौरे के संबंध में अचानक निर्णय लेने से बचेंगे।”
We both,being constitutional functionaries, are subject to the constitution. I am sure you will at least concede supremacy of constitution, that by oath you are ordained to follow. It is text book preposition that provisions of constitution can neither be diluted nor ignored. pic.twitter.com/8Nb43ZwHDE
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 13, 2021
चुनाव के बाद की हिंसा की स्थिति का जायजा लेने के लिए कूचबिहार पहुंचने के बाद राज्यपाल ने कहा, “चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव था। कहीं कोई समस्या नहीं थी। केवल बंगाल में रक्तपात क्यों हुआ? जिन लोगों ने एक पार्टी के पक्ष में अपना समर्थन नहीं दिया, उनके अधिकार कुचल डाले गए। उन्हें इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।”
राज्यपाल ने राज्य में हुई हिंसा के लिए मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, “यह सब तब शुरू हुआ, जब ममता ने कहा कि केंद्रीय बल हमेशा के लिए नहीं रहेंगे और मुझे दुख हुआ, जब मैंने देखा कि चुनाव के दौरान वह कानून और संविधान और कानून की अनदेखी करने के लिए कह रही थीं और कहा था कि कानून 2 मई से शुरू होगा।”
धनखड़ ने चुनाव के बाद की हिंसा के संबंध में राज्य सरकार को क्लीन चिट देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “मैंने मीडिया में यह नैरेटिव पेश होते देखा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट दी है। मैंने ऐसा कहीं नहीं देखा है। मैंने इसकी जांच की है।”
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यपाल ने संविधान की अनदेखी की है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “राज्यपाल ने सभी हदें पार कर दी हैं। मैं उनसे संविधान को पढ़ने के लिए कहूंगा, जिसमें यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि राज्यपाल को राज्य सरकार की सिफारिशों और सुझावों पर काम करना चाहिए।”