नई दिल्ली। भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही के लिए जीडीपी आंकड़े जारी कर दिए हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में जोरदार तेजी का संकेत दे रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.4% होगी, जो पहले के अनुमानों से अधिक है। इस उछाल को बढ़ती विनिर्माण गतिविधियों और सरकारी खर्च में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पिछली तिमाही में दर्ज 7.6% से अधिक हो गई है।
भारत ने अपनी तीव्र आर्थिक प्रगति के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसा हासिल की है, जिसे विश्व बैंक से लेकर आईएमएफ तक ने स्वीकार किया है। तीसरी तिमाही के उल्लेखनीय आंकड़े अर्थव्यवस्था की तीव्र गति की पुष्टि करते हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 29 फरवरी को जारी किए गए ये आंकड़े भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाते हैं। 8.4% की वृद्धि दर 2022 की दूसरी तिमाही के बाद से सबसे मजबूत विस्तार का प्रतीक है, जो अपेक्षाओं से 6.6% अधिक है।
भारत की तीव्र आर्थिक गति के मद्देनजर, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की विकास दर के लिए अपने दूसरे अग्रिम अनुमान को संशोधित कर 7.6% कर दिया है। यह ऊपर की ओर संशोधन जनवरी 2024 में 7.3% के प्रारंभिक अनुमान का अनुसरण करता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित वित्तीय अनुसंधान विभागों ने पहले 6.8% पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान लगाया था, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पूर्वानुमान लगाया था तीसरी तिमाही के लिए 7% की विकास दर। विभिन्न भविष्यवाणियों के बावजूद, जारी किए गए आंकड़ों ने पिछले सभी अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
जारी जीडीपी डेटा की विस्तृत जांच से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय 11.6% की वृद्धि हुई है, जबकि कृषि क्षेत्र ने 3.8% की वृद्धि दर बनाए रखी है। भारत द्वारा दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का टैग बरकरार रखने के साथ, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित विकास दर को 7.3% से बढ़ाकर 7.6% कर दिया गया है, जो देश के मजबूत आर्थिक प्रक्षेपवक्र को दर्शाता है।