नई दिल्ली। भारत को लेकर अक्सर अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग्स हमें देखने को मिलती हैं, जो कभी भारत की नकारात्मक तो कभी सकारात्मक छवि को हमारे सामने रखती हैं। कभी ये अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग्स हमें खुश होने का अवसर देती हैं तो कभी हमें मायूस कर देती हैं। भारत की सरकार, फ्रीडम ऑफ़ प्रेस जैसे बेहद चर्चित मुद्दों पर एजेंडा आधारित रैंकिंग्स के विरुद्ध अब भारत सरकार ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है। भारत सरकार अब इन एजेंडा के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करेगी। पीएम मोदी के चीफ एडवाइजर ने शुक्रवार (26 मई) को एक साक्षात्कार के दौरान उप-औपनिवेशिक ग्लोबल एजेंसियों की तरफ से भारत को लेकर पेश की जाने वाली एजेंडा पर आधारित रैंकिंग्स को लेकर तमाम बातें कहीं।
India is planning to push back against ‘agenda-driven’ country rankings produced by global agencies.@alysonle gets you the details
For more videos, visit: https://t.co/AXC5qRugeb pic.twitter.com/19SFVCIdh9
— WION (@WIONews) May 27, 2023
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पीएम मोदी के आर्थिक सलाहकार कौंसिल के मेंबर संजीव सान्याल ने बताया कि भारत सरकार इन सभी मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाएगी। हमें इन सभी मुद्दों को उठाना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने तीन चार फंडिंग वाली मोदी विरोधी एजेंसियों के बारे में बात की, जो कि दुनिया में अपने एजेंडे को चलाने के लिए खूब प्रयास करती हैं। इन एजेंसियों का मुख्य मकसद भारत विरोधी नेरेटिव को गढ़ने से तक ही सीमित नहीं रहता है बल्कि इसके साथ ही इन एजेंडा रैंकिंग्स का असर सीधे तौर व्यापार, निवेश और अन्य गतिविधियों पर देखने को मिलता है।
अभी कुछ समय पहले ही प्रेस की फ्रीडम को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में फ्रीडम ऑफ़ प्रेस की हालत अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भी ज्यादा दयनीय थी। ये रिपोर्ट रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की ओर से जारी की गई थी। इसके आलावा वी-डेम इंस्टीट्यूट की एकेडमिक फ्रीडम इंडेक्स में भारत को पाकिस्तान और भूटान से भी गिरा हुआ दर्शाया गया था। जबकि सच्चाई इसके उलट है, ये बात तो हम सब जानते हैं।