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BBC Documentary: बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की पैरोकारी करने वालों पर भड़के केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, लगाई जमकर क्लास

BBC documentary : इससे पहले भी राज्यपाल ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया था। राज्यपाल ने कहा था कि आखिर क्यों ऐसे वक्त में जब भारत जी-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है, तो इस डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित किया जा रहा है।

नई दिल्ली। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जारी घमासान के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आज मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में उन सभी लोगों की जमकर खिंचाई की है, जो इसकी पैरवी कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि बीबीसी क्यों नहीं ब्रिटेन द्वारा भारत पर किए गए जुल्मों पर डॉक्यूमेंट्री बनाता है कि लोग सच्चाई से वाकिफ हो सकें। आखिर क्यों ऐसे वक्त में जब भारत जी-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है, तो मूल वैश्विक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने के ध्येय से ऐसी डॉक्यूमेंट्री की सहारा लिया जा रहा है। आगे राज्यपाल ने कहा कि आज भारत हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड रहा है, जो कि कुछ लोगों से देखा नहीं जा रहा हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे खेद है कि हमारे यहां कुछ लोगों को न्यायपालिका से ज्यादा, उस देश की मीडिया द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री पर भरोसा है, जिसने हमें गुलाम बनाया।

बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया था। राज्यपाल ने कहा था कि आखिर क्यों ऐसे वक्त में जब भारत जी-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है, तो इस डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित किया जा रहा है। यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगों पर आधारित है। आरोप है कि यह विश्वनीय तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए पीएम मोदी की छवि को खराब करने के ध्येय से बनाई गई है, जिसकी भत्सर्ना ना महज विदेश मंत्रालय की तरफ से की गई, बल्कि ब्रिटेन के सांसद ने भी उक्त डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा करार दिया। बता दें कि इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय भी इस डॉक्यूमेंट्री को भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करार दे चुका है।

वहीं, केंद्र सरकार ने इस विवादित डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी देशभर के विश्वविद्यालय में इसे लेकर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें विभिन्न विश्वविद्यालयों के वामपंथी छात्र संगठन सरकार के प्रतिबंध के बावजूद भी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान कर रहे हैं, जिसे लेकर पुलिस प्रशासन को भी हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।

Kerala Governor Arif Mohammad Khan

बीते दिनों इसी प्रकरण में दिल्ली यूनिवर्सिटी के 24 छात्रों को हिरासत में लिया गया था। इससे पूर्व जामिया के 4 छात्र को पुलिस ने हिरासत में लिया था। दरअसल, इन सभी पर आरोप था कि इन लोगों ने कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की है। सरकार की मनाही के बावजूद भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की है। वहीं, छात्रों का कहना है कि हमें क्या देखना है, और क्या नहीं, यह सरकार नहीं तय करेगी। और अगर तय की जाती है , तो ऐसा करके हमारी अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठराघात किया जाता है। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।