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Nirmala Sitharaman: GST काउंसिल की बैठक हुई खत्म, वित्त मंत्री ने TAX को लेकर लिया ये फैसला

Nirmala Sitharaman: यह वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक थी, जो कि अब संपन्न हो चुकी है। इस बैठक में टैक्स के पुराने स्लैब को बरकरार रखते हुए किसी भी उत्पादों के कर को नहीं बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है। बता दें, इससे पूर्व 38 उत्पादों पर वित्त मंत्री से टैक्स लगाने की सिफारिश की गई थी।

नई दिल्ली। शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी। जिसमें वित्त विभाग के कई बड़े अधिकारी शिरकत हुए। इस बैठक का ध्येय विभिन्न वस्तुओं में लगने वाले कर को परिवर्तित करना था। गुटखा, पाना और मसाला जैसे उत्पादों में कर बदलने की संभावना जताई जा रही थी। यह वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक थी, जो कि अब संपन्न हो चुकी है। इस बैठक में टैक्स के पुराने स्लैब को बरकरार रखते हुए किसी भी उत्पादों के कर को नहीं बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है। बता दें, इससे पूर्व 38 उत्पादों पर वित्त मंत्री से टैक्स लगाने की सिफारिश की गई थी। आइए, आगे कि रिपोर्ट में हम आपको बैठक में लिए गए विभिन्न फैसलों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

आपको बता दें, जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में कुल 15 एजेंडे समाहित थे। अभी महज 8 एजेंडों पर ही विचार हो पाया है। बैठक में जीएसटी को लेकर बनाए गए कानूनों, गुटखा, पाना सहित अन्य उत्पादों पर लगने वाले करों पर चर्चा हुई। लेकिन, यह चर्चा कितनी सार्थक साबित हुई। यह विवेचना का विषय है। जीएसटी से संदर्भित कानूनों को बदलने पर भी चर्चा हुई। वहीं, जीएसटी काउंसिल की बैठक संपन्न होने के बाद रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि, ‘दालों की भूसी में लगने वाले कर को 5 फीसद से कम कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला किया गया है’।

इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने प्रेसवार्ता में कहा कि, ‘अभी तक जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन पर सारगर्भित फैसला नहीं लिया गया है। इसके साथ ही कई अन्य उत्पादों पर लगने वाले निर्धारित करों पर भी फैसला नहीं हो पाया है। वहीं, वित्त मंत्री ने बैठक के अंत में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अभी किसी भी उत्पादों में लगने वाले कर में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी, जिसे आर्थिक मोर्चे पर एक गुट के लिए राहत, तो वहीं दूसरे गुट के लिए झटका माना जा रहा है। यहां आप यह  बात भी जान लीजिए कि इससे पहले भी  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में कई मर्तबा जीएसटी काउंसिल की बैठक हो चुकी हैं, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए ,लेकिन आर्थिक विश्लेषकों के मुताबिक इस हालिया फैसले को दूरगामी माना जा रहा है, चूंकि वर्तमान में हमारी अर्थव्यवस्था कई मोर्चों बेशुमार दुश्वारियों का सामना कर रही है, जिसे देखते हुए इस बैठक में वित्त मंत्री पुराने टैक्स के स्लैब को बरकरार रखने का फैसला किया गया है।

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आपको बता दें, पहले यह माना जा रहा था कि पान , गुटखा , मसाला सहित अन्य उत्पादों पर टैक्स के दर में कुछ बदलाव किया जा सकता है, लेकिन इस बैठकमें ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। बहरहाल, सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं। ऐसी स्थिति में आपका वित्त मंत्री द्वारा लिए गए इस फैसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम