
गांधीनगर। फिल्म ‘द केरला फाइल्स’ में दावा किया गया कि केरल से 32000 हिंदू युवतियों का धर्मांतरण किया गया और इनमें से तमाम को आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल भी कराया गया। फिल्म में ये बात कहे जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक वर्ग की नजरें बीजेपी शासित गुजरात की ओर घूमी थीं। इस वर्ग ने दावा किया था कि गुजरात में 5 साल में 40000 महिलाएं लापता हो गई हैं और इनका कुछ अता-पता नहीं है। इस खबर पर सोशल मीडिया में खूब चर्चा होने लगी। तमाम लोग कहने लगे कि द केरला फाइल्स में महिलाओं के लापता होने को दिखाए जाने की बात हो रही है, लेकिन बीजेपी शासित गुजरात में ऐसा हो रहा है और कोई खबर नहीं दिखा रहा है।
अब गुजरात पुलिस ने अपने राज्य में महिलाओं के लापता होने के बारे में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देकर छपी खबरों की पोल खोल दी है। गुजरात पुलिस ने ट्वीट कर बताया है कि राज्य में साल 2016 से 2020 तक 41621 महिलाएं लापता हुईं थीं। गुजरात पुलिस ने बताया है कि इन लापता महिलाओं में से 39497 यानी करीब 95 फीसदी को पुलिस ने वापस तलाशकर उनके परिवार के पास पहुंचाया है। गुजरात पुलिस ने एकतरफा खबर छापने वालों के मुंह पर तमाचा मारते हुए बताया कि ये आंकड़ा भी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के ‘क्राइम ऑफ इंडिया 2020’ में दिया गया है।
published by National Crime Record Bureau (NCRB), New Delhi, 39,497 (94.90%) of the missing women have been traced by Gujarat Police and they are united with their families. The said information is also part of Crime in India, 2020.
— Gujarat Police (@GujaratPolice) May 8, 2023
गुजरात पुलिस ने अपने ट्वीट में कहा है कि परिवार में झगड़े, दूसरे के साथ चले जाने, परीक्षा में सफल न होने की वजह से महिलाओं के लापता होने का मामले होते हैं। पुलिस ने कहा है कि अब तक की जांच में कभी ये नहीं पता चला कि महिलाओं को यौन उत्पीड़न या अंग निकालकर बेचने के लिए अगवा किया गया हो या ले जाया गया हो। गुजरात पुलिस ने आगे बताया है कि लापता लोगों के बारे में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन होता है और इस बारे में सभी आंकड़े एक खास वेबसाइट में डाले जाते हैं। लापता लोगों को तलाशने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी गुजरात पुलिस काम करती है।