
नई दिल्ली। किसी ना किसी मसले को लेकर देश का विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रहता ही है और संयोग देखिए कि विपक्ष को भी केंद्र को आड़े हाथों लेने के लिए कोई ना कोई मसले मिलते ही रहते हैं। अभी नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी रार जारी है। रार की वजह से पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन कराया जाना है। दरअसल, विपक्ष की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा कराया जाना चाहिए, ना की प्रधानमंत्री द्वारा। विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन कराना असंवैधानिक है, जिसकी भत्सर्ना की जानी चाहिए, लेकिन इस बीच कुछ ऐसे भी सियासी दल हैं, जो विरोध करने वाले दलों को गच्चा देते हुए केंद्र का समर्थन कर रहे हैं। अब तक 25 दल इस मुद्दे को लेकर केंद्र के समर्थन में आ चुके हैं, तो वहीं दूसरी तरफ 21 दलों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। इसके अलावा बीते गुरुवार को इस पूरे मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई थी, जिसमें यह मांग की गई थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा कराया जाना चाहिए।
आज इस याचिका पर सुनवाई भी हुई, लेकिन आपको बता दें कि कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर यह स्पष्ट कर दिया है कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसमें किसी का भी हित नहीं है। नए संसद भवन का उद्घाटन किसके द्वारा कराया जा रहा है। इस विषय को विवादास्पद विषय बनाने में किसी का भी कोई हित नहीं निहित है। नया संसद देश के गरिमा और इसके उद्घाटन समारोह में शामिल होने के बाबत भेजे निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। बहरहाल कोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद अभी तक इस पर किसी की भी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यहां प्रतिक्रिया से हमारा मतलब ना ही बीजेपी का इस पर कोई रिएक्शन सामने आया है और ना ही कांग्रेस का। खैर, ये तो रही कोर्ट की बात , लेकिन आपको बता दें कि जितने भी विरोधी दल नव निर्मित संसद भवन के उद्घाटन को लेकर होहल्ला मचा रहे हैं, उस पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने विपक्षियों को आईना दिखा दिया है। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
क्या बोले हरदीप सिंह पुरी
दरअसल, उन्होंने इस पूरे मसले को लेकर जारी विवाद पर लगातार कुछ ट्वीट किए हैं, जो कि अभी खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में स्पष्ट कर दिया है कि टाइम पत्रिका 1947- उन लोगों के लिए अवश्य पढ़ें जो चाहते हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री के बजाय शानदार नई संसद का निर्माण किया है।नरेंद्र मोदी जी #AzadiKaAmritMahotsav के अवसर पर और लोकतंत्र के मंदिर का बहिष्कार करना बंद करें।
ये कहाँ आ गए हम!
Time Magazine 1947- a must read for those who wish they had built the magnificent new Parliament instead of PM @narendramodi Ji on occasion of #AzadiKaAmritMahotsav & stoop to boycott the Temple of Democracy. https://t.co/HymazFMY4Y— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 26, 2023
इसके अलावा उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि, ‘ स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर पालन किए जाने वाले हिंदू रीति-रिवाजों का विशद वर्णन करता है। जिस सेंगोल का वे अब अपमान करते हैं, उसका स्वागत पीएम नेहरू ने हिंदू रीति-रिवाजों से किया। अब ढोंग पूरे शबाब पर है- उसे अलग-अलग रंगों में रंगने की कोशिशें हो रही हैं- मकसद बताए जा रहे हैं, मगरमच्छ के आंसू बहाए जा रहे हैं!
Vividly describes Hindu रीति रिवाज followed on eve of independence.
The #Sengol they insult now was received with Hindu rituals by PM Nehru. Now hypocrisy is on full display- attempts being made to paint it in different colours – motives ascribed, crocodile tears shed! pic.twitter.com/y9RZ6S1n24— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 26, 2023
उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि, ‘उस महत्वपूर्ण दिन पर, एक हवन किया गया था, रेशम और सोने से बने पीतांबरम को प्रधान मंत्री के चारों ओर लपेटा गया था, जो एक विशेष विमान द्वारा सेंगोल को दिल्ली ले जाने वाले अधीम के प्रतिनिधि द्वारा किया गया था। नटराज मंदिर में उस सुबह की पूजा से पायसम को प्रसाद के रूप में लाया गया था।
On that momentous day, a havan was performed, the pithambaram made from silk & gold was wrapped around PM by representative of the Adheenam who escorted the Sengol to Delhi by a special aircraft. Payasam from that morning’s pooja at the Nataraja temple was brought as prasad. pic.twitter.com/M11EGfQaf2
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 26, 2023
वहीं, उन्होंने चौथे और आखिरी ट्वीट में कहा कि, ‘इस लेख को आलोचकों को आईना दिखाना चाहिए। बहिष्कार गिरोह वास्तव में अपने ही नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत का अपमान कर रहा है।’ बता दें कि अभी हरदीप सिंह पुरी के यह ट्वीट नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर खूब सुर्खियों में हैं।
This piece should show a mirror to the naysayers. The boycott gang is actually insulting the legacy of their own leaders & the freedom fighters.#SengolAtNewParliament #Sengol pic.twitter.com/p1HBGsU2st
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 26, 2023
बहरहाल, जिस तरह से सियासी विश्लेषकों की ओर से विपक्षियों के इस विरोध को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, उस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है, हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम