newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Nuh Violence: बुलडोजर एक्शन का हरियाणा HC ने लिया स्वत: संज्ञान, लगाई रोक, सरकार से तलब किया जवाब

Manipur Violence: बीते 21 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की यात्रा के दौरान कथित तौर पर विशेष समुदाय की ओर से पथराव किया गया था, जिसके जवाब में काफिले में मौजूदा लोगों ने भी पथराव किया। इस जवाबी पथराव के बाद दोनों पक्षों में स्थिति इस कदर हिंसात्मक हो गई कि लोग एक दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो गए।

नई दिल्ली। नूंह हिंसा मामले में दंगाइयों के घरों पर चल रहे बुलडोजर एक्शन का हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी है। प्रशासन के मुताबिक, सीएम मनोहर लाल खट्टर के निर्देश पर यह बुलडोजर कार्रवाई हो रही थी। अब तक 750 मकानों को जमींदोज कर दिया गया है। दावा है कि यह मकान दंगाइयों के थे, जिन्हें सबक सिखाने के लिए यह कार्रवाई की गई। बता दें कि बीते रविवार को असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार एकतरफा कार्रवाई कर रही है। सिर्फ मुसलानों के घरों को ही निशाना बनाया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है। प्रशासन की यह कार्रवाई भेदभावयुक्त है। बुलडोजर का सहारा सरकार सिर्फ मुसलमानों को ही निशाना बनाने के लिए कर रही है, जबकि पथराव दोनों पक्षों की ओर से हुए थे।

सरकार को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए था, लेकिन सिर्फ कुछ लोगों को ही निशाना बनाकर वाहवाही लूटने की कोशिश की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नूह के पुन्हाना, पिंगनवा, नगीना, टौरू और फिरोजपुर झिरका में अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी में अतिक्रमण के नाम पर दंगाइयों के घरों को जमींदोज किया गया है, जिसे लेकर अब राजनीति तेज हो चुकी है। फिलहाल, हरियाणा हाईकोर्ट ने पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद अब बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

nuh violence bulldozer

जानें पूरा माजरा

बता दें कि बीते 21 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की यात्रा के दौरान कथित तौर पर विशेष समुदाय की ओर से पथराव किया गया था, जिसके जवाब में काफिले में मौजूदा लोगों ने भी पथराव किया। इस जवाबी पथराव के बाद दोनों पक्षों में स्थिति इस कदर हिंसात्मक हो गई कि लोग एक-दूसरे को मरने-मारने पर उतारू हो गए। देखते ही देखते यह स्थिति हिंसा का रूप धारण कर गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा में अब तक 6 लोगों के मौत की पुष्टि प्रशासन द्वारी की जा चुकी है, तो वहीं कई घायल हो चुके हैं। बीते दिनों सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस हिंसा पर अंकुश लगाने की दिशा में बैठक की थी। जिसमें दंगाइयों के खिलाफ पूरी रूपरेखा तैयार की गई थी। उधर, अब तक नूंह हिंसा मामले में कोताही बरतने के आरोप में अब तक पुलिस के कई आला अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है।

nuh violence 2

क्यों हुई थी हिंसा?

दरअसल, हिंसा की मुख्य वजह यह थी कि विशेष समुदाय के लोगों को काफिले में मोनू मानेसर के शामिल होने की आशंका थी, लेकिन बाद में मोनू मानेसर ने पथराव के बाद वीडियो जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि वो काफिले में शामिल नहीं था, बल्कि किसी काम की वजह से कहीं गया हुआ था। अब सवाल यह है कि आखिर विशेष समुदाय के लोगों को काफिले में मोनू मानेसर के शामिल होने से क्या आपत्ति थी? दरअसल, मोनू मानेसर जुनैद और नासिर की हत्या में आरोपी है। लिहाजा जब पता चला कि मोनू मानसेर इस काफिले में शामिल हो सकता है, तो इसे छिन्न-भिन्न करने के मकसद से  इस पर पथराव किया गया था।