
नई दिल्ली। हाथरस मामले में पीड़िता का परिवार लखनऊ में अदालती कार्यवाही के बाद सोमवार की देर रात वापस हाथरस पहुंच गया है। इस दौरान पुलिस की सख्त पहरा रहा। बता दें कि रात 11 बजे के करीब पीड़ित परिवार वापस अपने गांव पहुंचा। पीड़िता परिवार का कहना है कि न्याय मिलने तक वो बेटी की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। वहीं सोमवार को पीड़िता का परिवार यूपी पुलिस की सुरक्षा में सुबह 5.30 बजे हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुआ था और लगभग 11.00 बजे रात हाथरस लौटा। मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के परिवार ने कहा कि, उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी बेटी के शव को बिना उनकी इजाजत के जलाया गया था। इसको लेकर अदालत की तरफ से पुलिस प्रशासन को फटकार भी सुनने को मिली। बता दें कि हाथरस मामले में सोमवार को लखनऊ में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना बयान दर्ज कराया है।
अपनी मृतक बेटी की अस्थियां विसर्जन करने को लेकर पीड़ित परिवार ने कहा कि इस मामले में जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता है वे पीड़िता की अस्थियां विसर्जित नहीं करेंगे। इससे पहले जब हाथरस प्रशासन ने देर रात पीड़िता के शव को जला दिया था तो इससे नाराज पीड़ित परिवार ने काफी समय तक चिता से पीड़िता की अस्थियां नहीं उठाई थी। हालांकि जब बाद में प्रशासन द्वारा न्याय और कार्रवाई का भरोसा दिलाया जाने के बाद पीड़ित परिवार ने अपनी बेटी की अस्थियां उठाई।
गौरतलब है कि, बाद में इस कांड में यूपी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई। राज्य सरकार ने हाथरस के एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा सरकार ने सभी का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराने का आदेश दिया था। इसमें पीड़ित पक्ष के लोग भी शामिल थे। पीड़ित पक्ष का नार्कों टेस्ट कराने के आदेश पर काफी हंगामा हुआ था।