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Delhi: दिल्ली हिंसा के आरोपी शाहरुख पठान को झटका, कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

Delhi Violence : हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता या जनता में मौजूद किसी व्यक्ति को उसके ओपन फायर में पिस्तौल से गोली मारने का याचिकाकर्ता का उद्देश्य था या नहीं, यह विश्वास करना कठिन है कि उसे इस बात का ज्ञान ही नहीं था कि उसका कृत्य किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है।

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) ने गुरुवार को शाहरुख पठान (Shahrukh Pathan) को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसे फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के दौरान वायरल वीडियो में एक निहत्थे दिल्ली पुलिसकर्मी पर पिस्तौल ताने हुए देखा गया था। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने कहा कि इस अदालत के सामने चलाए गए वीडियो क्लिप और तस्वीरों ने इस न्यायालय के अंत:करण (अंतरात्मा) को हिला दिया है, कि याचिकाकर्ता कानून एवं व्यवस्था को अपने हाथों में कैसे ले सकता है। एक वायरल वीडियो में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के निवासी पठान को जाफराबाद-मौजपुर मार्ग पर हिंसा के दौरान एक पुलिसकर्मी पर अपनी पिस्तौल ताने हुए देखा गया था।

shahrukh pathan

पुलिस ने उसे 3 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता या जनता में मौजूद किसी व्यक्ति को उसके ओपन फायर में पिस्तौल से गोली मारने का याचिकाकर्ता का उद्देश्य था या नहीं, यह विश्वास करना कठिन है कि उसे इस बात का ज्ञान ही नहीं था कि उसका कृत्य किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, साथ ही वर्तमान मामले के तथ्यों को भी ध्यान में रखते हुए मैं याचिकाकर्ता को जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं हूं।”

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वहीं दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता रजत नायर और अमित महाजन ने किया। अदालत ने कहा कि पठान की भूमिका दंगाइयों की भीड़ में भाग लेने के लिए ही सीमित नहीं थी, बल्कि बड़ी भीड़ का नेतृत्व करने, हाथ में पिस्तौल रखने और खुले फायर शॉट्स जारी करने के लिए थी। पठान को जमानत नहीं देने की घोषणा करते हुए, हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सही ठहराया है कि याचिकाकर्ता (पठान) पर दंगों में भाग लेने का आरोप है और उसकी तस्वीर उसकी भागीदारी के बारे में बता रही है।

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पुलिस ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया है कि इस मामले में आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और मुकदमा चल रहा है। पुलिस ने आग्रह किया कि याचिकाकर्ता के प्रति कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए और यह याचिका खारिज होने की पात्र है। ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत से इनकार किए जाने के बाद पठान हाईकोर्ट चला गया था। पठान के वकील का कहना है कि ट्रायल कोर्ट ने उसके मुवक्किल को जमानत देने से इनकार करते हुए भौतिक तथ्यात्मक पहलुओं पर विचार नहीं किया है।