लखनऊ। पिछले कुछ दिनों से मस्जिदों को लेकर विवाद ने तूल पकड़ रखा है। कोर्ट में केस पर केस हो रहे हैं। ऐसे ही तीन केस में आज सुनवाई होनी है। ये केस ताजमहल, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद और लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के हैं। ताजमहल में एंट्री की मांग करते हुए महंत परमहंस दास ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। उन्होंने ताजमहल में पूजा का एलान किया था। अर्जी में धर्मदंड और गेरुआ पहनकर एंट्री की मंजूरी मांगी गई है। परमहंस को इसस पहले धर्मदंड साथ ले जाने पर ताजमहल में एंट्री नहीं मिली थी। दोबारा उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
इसके अलावा मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के मामले में कानून की पढ़ाई कर रही 7 छात्राओं की अर्जी पर जिला अदालत सुनवाई करेगी। अर्जी में शाही ईदगाह को हटाकर पूरी 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग है। इस जमीन में से 10.9 एकड़ श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के पास है। वहीं, शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के पास 2.5 एकड़ जमीन है। इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से भी सर्वे कराने और जमीन को भगवान श्रीकृष्ण को लौटाने की मांग की गई है। उन अर्जियों पर जुलाई में सुनवाई होगी। कल से जिला अदालतों में गर्मी की छुट्टियां होने वाली हैं।
तीसरा मामला लखनऊ में गोमती किनारे बनी टीले वाली मस्जिद का है। इस मामले में कल भी सुनवाई हुई थी। एडीजे के कोर्ट में अर्जी दी गई है कि मस्जिद को हटाकर जमीन हिंदुओं को सौंपी जाए। हिंदू पक्ष का कहना है कि यहां भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने एक गुफा में रहकर साधना की थी। वहां उनका मंदिर था। जिसे औरंगजेब के जमाने में ढहाकर टीले वाली मस्जिद का नाम दिया गया। इस जगह का नाम पहले लक्ष्मण टीला ही था। सपा सरकार के दौर में नाम बदलकर टीले वाली मस्जिद कर दिया गया था।