नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें आज सर्वे की रूपरेखा तय की जानी थी। सुनवाई के दौरान यह फैसला किया जाना था कि आखिर सर्वे टीम में कितने लोग शामिल होंगे? सर्वे की रूपरेखा क्या होगी? लेकिन आज जब सुनवाई शुरू हुई, तो कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया था। लेकिन, कोर्ट ने इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी किए बगैर इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अब ऐसे में आगामी दिनों में कोर्ट का इस पर क्या फैसला आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की मांग की। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने अदालत को जानकारी दी कि अब तक उनकी तरफ से इस मामले में दो एलएसपी दाखिल की जा चुकी है।
#Mathura: शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
आजतक संवाददाता @ashishaajtak दे रहे हैं ज़्यादा जानकारी #ShahiEidgah #AllahabadHighcourt #Newsroom pic.twitter.com/LmLvPIQGqJ— AajTak (@aajtak) December 18, 2023
सुनवाई से पहले कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद हिंदू श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है। लोगों को पूरा विश्वास है कि कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आएगा। लेकिन, फिलहाल तो इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी कर पाना उचित है।
बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने की मंजूरी दे दी थी, जिसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की मांग नामंजूर कर दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अगली सुनवाई के लिए 9 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है। मगर, इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने की मंजूरी दे दी है। वहीं, आज सर्वे की रूपरेखा को लेकर फैसला किया जाएगा कि आखिर इसमें कितने लोग शामिल होंगे? सर्वे की पूरी प्रक्रिया क्या होगी? उधर, हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया था, जबकि मुस्लिम पक्ष ने नाराजगी जाहिर की थी।
उधर, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मीडिया से बातचीत के दौरान दावा किया था कि शाही ईदगाह मस्जिद के पास मंदिर होने के एक या दो नहीं, बल्कि कई प्रमाण सामने आ चुके हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि वहां अतीत में मंदिर था। हिंदू पक्ष के वकील का दावा है कि मुस्लिम पक्ष भी इस बात से वाकिफ है कि शाही ईदगाह मस्जिद अतीत में एक मंदिर था, जिसे मुस्लिम आक्रांता औरंगजेब ने ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण करवाया था, जिसके विरोध में अब हिंदू पक्ष ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
आपको बता दें कि गत 14 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने की मंजूरी दी थी, जिसके विरोध में बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन शीर्ष अदालत की ओर से मुस्लिम पक्ष को निराशा हाथ लगी थी।