
नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने गीतिका शर्मा सुसाइड केस की सुनवाई टाल दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 25 जुलाई को नियत की गई है। इस मामले में गोपाल कांडा और अरूणा चड्ढा आरोपित हैं। बता दें कि 2012 में गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी और अपने सुसाइड नोट में इसका जिम्मेदार गोपाल कांडा को ठहराया था। गीतिका शर्मा ने लिखा था कि गोपाल कांडा लड़कियों पर बुरी नजर रखता है और उनका गलत इस्तेमाल करता है। मैं इस व्यक्ति से अब तंग आ चुकी हैं। ये बेवजह परेशान करता है। इसके अलावा गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिसकी वजह से गोपाल का राजनीतिक करियर तबाह हो गया।
Rouse Avenue Court of Delhi defers the passing of judgement in airhostess Geetika Sharma suicide case. Court to pass order on July 25, 2023.
Former Haryana Minister Gopal Goyal Kanda and Aruna Chadha are the accused in the case.
— ANI (@ANI) July 20, 2023
बताते चलें कि गोपाल कांडा की तूती रियल स्टेट बिजनेस लेकर एयरलाइंस इंडस्ट्री तक में बोला करती थी। गीतिका उसी की एयरलाइंस कंपनी में काम करती थी। गोपाल गीतिका के प्रति कुछ ज्यादा उदार रहता था और यह इसी उदारता का नतीजा था कि उसे बहुत ही कम समय में गोपाल ने अपनी एयरलाइंस कंपनी में डॉयरेक्टर जैसा अहम पद दे दिया था, लेकिन ज्यादा दिन नहीं बीते कि गीतिका को गोपाल की बदनियत समझ आ गई। इसके बाद गीतिका ने उसकी कंपनी से रिजाइन देकर एमडीएलआर एयरलाइंस एयरलाइंस ज्वाइन कर लिया, लेकिन गोपाल कांडा ने उसे वहां भी चैन से जीने नहीं दिया। उसे वहां भी परेशान करने लगा जिससे गीतिका तंग आ गई। इतना ही नहीं, गोपाल ने अपने बलबूते गीतिका को दुबई से भी वापस बुला लिया था।
गीतिका गोपाल से पीछा छुड़ाने चाहती थी, लेकिन वो उसका पीछा छोड़ने को तैयार ही नहीं हो रहा था। गीतिका भी उसके राजनीतिक रसूख के आगे मजबूर हो रही थी। आखिरकार इन सबसे तंग आकर गीतिका ने 5 अगस्त 2012 को आत्महत्या कर ली और इसका जिम्मेदार गोपाल कांडा और अरूण चड्ढा को ठहराया। बता दें कि इस मामले के बाद गोपाल कांडा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। इस मामले में गोपाल को 18 महीने तक जेल में रहना पड़ा था। पुलिस ने उसका मोबाइल और अन्य दस्तावेज भी जब्त कर लिया था। ध्यान दें कि सुसाइड मामले में नाम आने के बाद गोपाल कांडा को हरियाणा के गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इसके बाद उसका राजनीतिक करियर भी बर्बाद ही हो गया। पुलिस ने गोपाल कांडा के खिलाफ आईसीपी की धारा 376, 377 के तहत आरोपपत्र दायर किया था, लेकिन 2014 में गोपाल कांडा और सह- आरोपी अरूण चड्डा को इस मामले में जमानत मिल गई। जिसका सदमा गीतिका की मां बर्दाश्त नहीं कर पाई और उन्होंने 6 माह बाद ही सुसाइड कर लिया। वहीं, अब एक बार फिर से यह मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है, तो ऐसे में आगामी दिनों में कोर्ट का इस पर क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।