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Jharkhand Political Turmoil: 1 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए हेमंत सोरेन, इस जेल में कटेगी रात

Jharkhand Political Turmoil: हेमंत को होटवार जेल में भेज दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद विरोध में आज झारखंड बंद का भी आह्वान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने किया, जिसका बड़े पैमाने पर असर देखने को मिल रहा है। जेएमएम का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षियों की आवाज को दबाने की कशिश कर रही है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।

नई दिल्ली। भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को एक दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि, ईडी की ओर से उनकी 10 दिन की रिमांड की मांग गई थी, लेकिन कोर्ट ने महज एक दिन की रिमांड पर मुहर लगाई है। उधर, चंपई सोरेन सहित जेएमएम के पांच विधायकों की मुलाकात राज्यपाल से जारी है। बता दें कि चंपई सोरेन सरकार बनाने के बाबत राज्यपाल को अपना दावा पेश कर चुके हैं, लेकिन अभी तक राज्यपाल की ओर से उन्हें बुलावा नहीं भेजा गया है, जिस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि जेएमएम के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक नहीं है, इसलिए राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने के लिए नहीं बुला रही है।

उधर, जेएमएम को अपने विधायकों के बीच सेंधमारी की आशंका है, जिसे ध्यान में कई विधायकों को हैदराबाद भेजने की तैयारी भी है, लेकिन बारिश की संभावना इस तैयारी पर पानी फेर दिया है।
बता दें कि बीते दिनों सीएम हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, इससे पहले झारखंड मुक्त मोर्चा की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी थी। ध्यान दें, 40 घंटे लापता रहने के बाद रांची लौटे हेमंत सोरेन ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें मुख्यमंत्री पद के लिए दो नामों को आगे किया गया था, जिसमें पहला नाम कल्पना सोरेन था तो दूसरा नाम चंपई सोरेन था। हालांकि, कल्पना सोरेन के नाम की संभावना कुछ ज्यादा ही प्रबल थी, लेकिन जब चंपई सोरेन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी कि विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है, तब इस बात की जानकारी प्रकाश में आई कि उनका नाम फाइनल किया गया है।

हेमंत को होटवार जेल में भेज दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद विरोध में आज झारखंड बंद का भी आह्वान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने किया, जिसका बड़े पैमाने पर असर देखने को मिल रहा है। जेएमएम का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षियों की आवाज को दबाने की कशिश कर रही है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है। वहीं, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी गलत है। केंद्र सरकार विपक्षी दलों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार भारतीय लोकतंत्र से आदिवासियों के प्रतिनिधित्व को खत्म करना चाहती है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।

बता दें कि झारखंड में संवैधानिक संकट पैदा हो चुका है। पिछले 18 घंट से मुख्यमंत्री की कुर्सी रिक्त है। भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद सोरेन इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन अब उन्हें किसे सीएम की कुर्सी पर बैठाया जाएगा। इसे लेकर अभी तक कोई एकराय नहीं बन पाई है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में प्रदेश की राजनीतिक स्थिति कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।