
नई दिल्ली। यूं तो राजस्थान की राजनीति में लंबे समय से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सरकार गहलोत और सचिन पायलट के गुटों में बंट चुकी है। गहलोत और सचिन के रिश्तों में तनाव की खबरें भी कई मर्तबा सामने आ चुकी हैं, जिसमें राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक को हस्तक्षेप करना पड़ा है, लेकिन आज तो हालात अति हो गए। जी हां…आपको बता दें कि गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना कार्यक्रम में पहुंचे तो उनके ऊपर कथित रूप से सचिन पायलट गुट के समर्थकों ने जूता फेंक दिया। इतना ही नहीं, अशोक चांदना की मौजूदगी में सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे भी लगे। जिसकी वजह से अशोक चांदना बिना भाषण दिए ही वहां से रूखसत हो गए। उधर, मंच पर दूसरे नेता भाषण देने पहुंचे तो उन्हें भी सचिन पायलट के समर्थकों के रोष का सामना करना पड़ा। जिससे कार्यक्रम में विघ्न पहुंचा।
आपको बता दें कि यह सबकुछ शाम करीब 4 बजे के आसपास हुआ था। दरअसल, आज (12 सितंबर) गुर्जर आरक्षण आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों का विसर्जन पुष्कर के 52 घाटों पर सोमवार शाम करीब चार बजे शुरू हुआ। इस मौके पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें अशोक चांदना भी शिरकत करने पहुंचे थे। लेकिन, इस बीच उन पर सचिन पायलट के समर्थकों ने जूता फेंककर उनका विरोध किया। उधर, अब अशोक चांदना की तरफ से ट्वीट सामने आया है, जिसके अभी कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि, मुझ पर जूता फकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है। जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूँ।
मुझ पर जूता फकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है।
जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूँ।
— Ashok Chandna (@AshokChandnaINC) September 12, 2022
जानें पूरा माजरा
दरअसल, संचिन पायलट के समर्थक खेल मंत्री अशोक चांदना से इसलिए नाराज हैं, क्योंकि जब साल 2020 में पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और अपने समर्थकों संग सरकार का तख्तापलट करने पर आमादा हो चुके थे, तो ऐसे वक्त में अशोक चांदना ने पालयट का साथ ना देकर गहलोत का साथ दिया था, जिससे पायलट के समर्थक उनसे खासा नाराज हैं। पायलट समर्थकों का कहना है कि अगर उस वक्त उन्होंने सचिन पायलट का साथ दिया होता है, तो वो आज राज्य के मुख्यमंत्री होते ,लेकिन अफसोस उन्होंने गहलोत खेमे का रुख किया । जिसकी वजह से अशोक चांदना को कई मौकों पर इस तरह के रोष का सामना करना पड़ता है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम