शिमला। हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार भले ही बच गई हो, लेकिन बागियों की तरफ से किया गया ताजा दावा वहां भविष्य में खेल होने के संकेत दे रहा है। बागी राजिंदर राणा ने सुक्खू पर निशाना साधा है और ये दावा किया है कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार स्थिर नहीं है। राजिंदर राणा ने शनिवार को कहा कि सरकार स्थिर होने का सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा गलत है। उन्होंने सवाल दागा कि अगर सीएम को अपनी सरकार सुरक्षित होने का भरोसा है, तो कांग्रेस के कुछ विधायकों की सुरक्षा आखिर क्यों बढ़ाई गई? राजिंदर राणा ने कहा कि कांग्रेस के 6 विधायकों ने हिमाचल प्रदेश के स्वाभिमान और हितों की रक्षा के लिए बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी।
कांग्रेस की तरफ से व्हिप न माने जाने की शिकायत पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल और देविंदर कुमार भुट्टो की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का आदेश सुनाया था। चर्चा है कि इन सभी विधायकों ने हाईकोर्ट में दस्तक देकर अपनी सदस्यता रद्द करने के आदेश को चुनौती दी है। इन सभी बागी विधायकों के बारे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन में कहा था कि कांग्रेस पार्टी के 6 काले सांपों ने अपना सम्मान बेच दिया। उन्होंने बजट पर वोट न देकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। सुक्खू के इस बयान पर राजिंदर राणा ने पलटवार किया और कहा कि सीएम ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस के उपरोक्त 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी के पक्ष में वोट दिया था। इससे कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी के हर्ष महाजन को बराबर 34-34 वोट मिले। फिर पर्ची निकालने पर महाजन जीत गए। इसके बाद ही कांग्रेस में मची रार ने बड़ा रूप लिया और अब भी माना ये जा रहा है कि सुक्खू सरकार पर तलवार लटकी हुई है। हालांकि, सुक्खू ने इससे साफ इनकार किया है।