दिसपुर। बाल विवाह को रोकने के लिए असम सरकार पूरी तरीके से कमर कस चुकी है। असम के कई पिछड़े इलाकों में बाल विवाह एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आया है। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा बाल विवाह पर रोक को लेकर पूरी तरह से एक्शन में हैं। बीते गुरुवार को सीएम ने हिमंत ने कहा कि राज्य भर में कुल चार हजार से ज्यादा बाल विवाह के केस दर्ज किए गए हैं। साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस की कार्रवाई और तेज हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए शुक्रवार को जानकारी दी कि राज्य में कुल 1,800 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इन सभी लोगों की गिरफ्तारी बाल विवाह से संबंधित केसों के लिए की गई है।
आपको बता दें कि इस बारे में सरमा ने ट्विटर पर असम पुलिस की रिपोर्ट साझा करते हुए कहा, ‘असम सरकार राज्य में बाल विवाह के खतरे को समाप्त करने के लिए पूरी तरीके से दृढ़संकल्पित है। अब तक असम पुलिस ने राज्य भर में 4,004 मामले दर्ज किए हैं। सीएम के बयान के मुताबिक शुक्रवार सुबह से ही इन मुकदमों पर कार्रवाई जारी है। जिसके चलते अब तक हजारों गिरफ्तारियां की जा चुकी है। सीएम सरमा ने असम की जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी से सहयोग करने का अपील करता हूं।
State wide arrests are presently underway against those violating provisions of Prohibhiton of Child Marriage Act .
1800 + have been arrested so far.
I have asked @assampolice to act with a spirit of zero tolerance against the unpardonable and heinous crime on women
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 3, 2023
सर्वाधिक केस धुबरी में दर्ज
असम सरकार की ओर से बालविवाह को लेकर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 370 मामले धुबरी जिले में दर्ज किए गए हैं। जिसके बाद होजई (255) और उदलगुरी में 235 केस दर्ज किए गए हैं। गुवाहाटी पुलिस आयुक्तालय में कम से कम 192 मामले दर्ज किए गए थे। राज्य के दीमा हसाओ जिले में बाल विवाह के सबसे कम मामले दर्ज हैं।
असम पुलिस ने राज्य भर में बाल विवाह से संबंधित मामलों में अब तक 1,800 लोगों को गिरफ़्तार किया है: असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा, गुवाहाटी pic.twitter.com/cfiEIEna86
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2023
असम सरकार की ओर से बीते दिनों पहले ही बाल विवाह करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था। जिसमें कहा गया था, ‘नाबालिग लड़की से शादी करना न केवल कानून के खिलाफ है। बल्कि यह लड़की के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है। यह उसके स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है। जारी आदेश के मुताबिक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम के मुताबिक, ऐसी लड़कियों से शादी करने वालों को जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।