नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने देश के तीन बड़े हिंदी सूबों में जीत का परचम लहराकर कांग्रेस के खेमे में खलबली मचा दी है। इस खलबली का आलम कुछ ऐसा है कि इंडिया गठबंधन बैठक करने से भी गुरेज कर रही है। तीनों राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद इंडिया गठबंधन ने राजधानी दिल्ली में बैठक करने का फैसला किया था, लेकिन पहले ममता बनर्जी…फिर नीतीश कुमार इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर इस बैठक से अपने कदम पीछे खींच लिए। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले तीन बड़े हिंदी सूबों में मिली हार ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में अब पार्टी आगामी दिनों में हिंदी पट्टी में अपने वजूद को बचाने के लिए क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि आज संसद के शीतकालीन सत्र में अपने संबोधन के दौरान डीएमके नेता सेंथिल कुमार ने हिंदी राज्यों को गौमूत्र की संज्ञा दे दी।
#WATCH | Winter Session of Parliament | DMK MP DNV Senthilkumar S says “…The people of this country should think that the power of this BJP is only winning elections mainly in the heartland states of Hindi, what we generally call the ‘Gaumutra’ states…” pic.twitter.com/i37gx9aXyI
— ANI (@ANI) December 5, 2023
उन्होंने संसद में दिए अपने बयान में कहा कि बीजेपी महज हिंदी राज्यों में ही जीत दर्ज कर सकती है, जिन्हें हम बालचोल की भाषा में गौमूत्र की संज्ञा देते हैं। आपको बता दें कि सेंथिल कुमार ने आगे अपने बयान में कहा कि इस देश के लोगों को सोचना चाहिए कि इस भाजपा की ताकत केवल मुख्य रूप से हिंदी के हृदय वाले राज्यों में चुनाव जीतना है, जिन्हें हम आम तौर पर ‘गौमूत्र’ राज्य कहते हैं…”
उधर, बीजेपी ने सेंथिल कुमार के इस विवादित बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजेपी की ओर से मीनाक्षी लेखी ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि, ‘ सनातनी परंपरा का बहुत बड़ा निरादर है। उन्होंने कहा कि सनातनी परंपरा और सनातनियों का इस तरह का अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा। लेखी ने आगे कहा कि सेंथिल कुमार हो या फिर कोई, जो कोई भी सनातनी परंपरा का मजाक उड़ाएगा। देश की जनता उसे मुंहतोड़ जवाब देगी। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पर किसकी क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन, आइए उससे पहले जरा आपको तीनों हिंदी राज्यों में बीजेपी के प्रदर्शन के बारे में विस्तार से बताते हैं।
कैसा रहा चुनावी राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन
उधऱ, अगर विभिन्न हिंदी राज्यों में बीजेपी के प्रदर्शन की बात करें, तो मध्य प्रदेश में पार्टी ने 230 में से 163 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस ने 66 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। उधर, राजस्थान में भी कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। बीजेपी ने राजस्थान की 199 में से 115 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस ने 69 और बसपा ने दो सीटों पर जीत का परचम लहराया है। उधर, छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने जीत हासिल की है। पार्टी ने 54 तो कांग्रेस ने 35 सीटों पर जीत हासिल की है। उधर, सियासी गलियारों में बीजेपी के इस प्रदर्शन को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
स्टालिन ने भी की थी सनातन पर विवादित टिप्पणी
बता दें कि बीते दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने भी सनातन धर्म पर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, कोरोना और एचआईवी जैसी बीमारी बताया था। उनके इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और माफी की भी मांग की थी। इतना ही नहीं, उक्त बयान के विरोध में स्टालिन के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। उधर, बीजेपी ने स्टालिन से माफी की मांग की थी, जिसके बाद स्टालिन ने तेवर दिखाते हुए कहा कि मैं करुणानिधि का पोता हूं, लिहाजा माफी मांगने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है।
संसद का शीतकालीन सत्र जारी
ध्यान दें, गत 4 दिसंबर को संसद का शीतकालीन शत्र शुरू हुआ था , जो कि आगामी 22 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल 18 बैठकें होंगी, जिसमें कई विधेयकों को पेश किया जाएगा। इसके साथ ही इस सत्र में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले के संदर्भ में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। बता दें कि बीते दिनों गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर व्यापारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर उनके हित में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। हालांकि, महुआ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इन्हें राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था, लेकिन उन्होंने लगे हाथों यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वो हर प्रकार की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। इस बीच व्यापारी दर्शन हीरानंदानी ने भी निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों को पुख्ता कर महुआ की मुसीबतें बढ़ा दी थीं। इसके अलावा एथिक्स कमेटी ने भी महुआ के खिलाफ जांच पूरी कर ली है। इतना ही नहीं, बीते दिनों उनकी संसद सदस्यता भी रद किए जाने की सिफारिश की गई थी। फिलहाल, जांच रिपोर्ट संसद में पेश की जानी है, लेकिन इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एथिक्स कमेटी पर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने का आरोप लगाया है।