नई दिल्ली। “इसमें मेरा क्या गुनाह अगर मैं हिंदू हूं तो…इसमें मेरा क्या गुनाह है अगर मेरा नाम रमेश,मोहन या राजू है तो…क्या हिंदू होना इस देश में गुनाह है। क्या अगर मैं हिंदू हूं, तो क्या मुझे वे सभी अधिकार नहीं हैं, जो कि इस देश में रहने वाले किसी दूसरे नागरिकों को मिले हैं”। क्या हुआ? हैरान हो रहे हैं ना आप यह सब पढ़कर…खिसक रही है ना आपके पैरों तले जमीन…लेकिन ज्यादा हैरान मत होइएगा, क्योंकि यह मसला हैरान करने वाला नहीं, बल्कि परेशान करने वाला है। जी हां….और ये परेशान करने वाला मसला बांग्लादेश का है, जहां हिंदुओं पर अत्याचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जहां हिंदुओं का जीना अनवरत दुश्वार होता जा रहा है। बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वो भी डराने वाले हैं। हिंदुओं पर लगातार बढ़ते हमले को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से कड़ी कार्रवाई करने क बात कही जाती है, लेकिन अफसोस ये बातें महज बातों तक ही सीमित रह जाती है। बांग्लादेश में लगातार कट्टरपंथियों के हौसले बलुंद होते जा रहे हैं। हिंदुओं के प्रति बढ़ती कट्टरपंथियों की नफरत बांग्लादेश में कोई नई बात नहीं है, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि वहां की सरकार इस दिशा में क्या कार्रवाई कर रही है।
आपको बता दें कि बांग्लादेश में रहने वालीं निर्मल चटर्जी कहते हैं- हिंदुओं के घरों और दुकानों को लूट लिया गया। महिलाओं के गहने भी छीन लिए गए। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की ये कोई पहली या अकेली घटना नहीं है। इसी साल मार्च में भीड़ ने एक हिंदू मंदिर पर हमला कर दिया था। बाद में प्रशासन ने इसे प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ा बताया था। आलम यह है कि अब बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू खौफ के साए में जीने क मजबूर हो चुके हैं। कई मौकों पर भारत सरकार की तरफ से बांग्लादेश सराकर के समक्ष हिंदुओं की रक्षा का मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन अफसोस आज तक इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाए गए। ध्यान रहे कि 2021 में दुर्गा पूजा के दौरान कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं को निशाने पर लिया गया था।
2016 में भी हिंदुओं को निशाने पर लिया था। उन दिनों करीबन 19 मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था। इसके साथ ही 300 से अधिक हिंदुओं के घरों को निशाने पर लिया गया था। इस हमले की जद में आकर सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इससे पहले 2012 कॉक्स बाजार जिले के रामू उप जिले में अल्पसंख्यक बौद्धों को निशाना बनाकर बड़े हमले किए गए थे। ये हमले भी एक विवादित फेसबुक पोस्ट के बाद ही हुए थे। इससे पहले 2013 में भी हिंदुओं पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया गया था। इस तरह से ना जाने कितने ही मौकों पर बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं को निशाने पर लिया जा चुका है, लेकिन अभी तक बांग्लादेश सरकार की तरफ से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट .कॉम