नई दिल्ली। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में असाधारण भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय राजा महेंद्र प्रताप की स्मृति में 1 दिसंबर 2024 को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। 1 दिसंबर 1915 को राजा महेंद्र प्रताप द्वारा अखंड भारत की अस्थाई सरकार की स्थापना की गई थी। इस ऐतिहासिक कार्य के स्मृति उत्सव के रूप में राजा महेंद्र प्रताप फाउंडेशन की ओर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। राजा साहब की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में विश्व शांति और कूटनीति को बढ़ावा देने के उनके विशेष योगदान के लिए राजा साहब को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त राजा साहब की वैश्विक सद्भावना और विश्व शांति की स्थापना के दृष्टिकोण के प्रतीक के रूप में राजा महेंद्र प्रताप फाउंडेशन द्वारा आगामी वर्ष 2025 को विश्व शांति एवं सद्भावना वर्ष के रूप में समर्पित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
राजा महेंद्र प्रताप फाउंडेशन द्वारा आगामी 1 दिसंबर को होने वाला कार्यक्रम देश के शीर्ष गणमान्य नागरिकों, वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापार के क्षेत्र से जुड़े प्रमुख लोगों, किसान नेताओं, ग्राम प्रधानों, खेल जगत की से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों, अधिवक्ताओं और प्रमुख एनआरआई लोगों के समागम का केंद्र बनेगा। इस कार्यक्रम में अमेरिका, अफगानिस्तान, जर्मनी, जापान और तुर्की देशों के राजदूतों को भी आमंत्रित किया गया है। फाउंडेशन के अनुसार 1 दिसंबर 1915 को राजा साहब द्वारा अखंड भारत की अस्थाई सरकार की स्थापना स्वतंत्र, संप्रभु और एकीकृत भारत के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसमें राजा साहब देश के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए थे।
दो पुस्तकों का भी होगा विमोचन
इस कार्यक्रम के दौरान राजा महेंद्र प्रताप के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर आधारित हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखी गई दो पुस्तकों का भी विमोचन किया जाएगा।
-दिसंबर 1915 (हिंदी)
-द लास्ट किंग (अंग्रेजी)
ये दोनों पुस्तकें डा. विवेक सिंह, अधिवक्ता के द्वारा लिखी गई हैं।