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Dr. Randeep Guleria On HMPV : एचएमपीवी से कैसे करें बचाव, क्या बरतें सावधानी? दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने दी पूरी जानकारी

Dr. Randeep Guleria On HMPV : ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमवीपी) के मामले धीरे-धीरे भारत में भी बढ़ रहे हैं। देश के अलग-अलग जगहों से अब तक 7 मामले सामने आ चुके हैं। एचएमपीवी को लेकर लोगों के मन में डर के साथ तमाम तरह के सवाल भी हैं।

नई दिल्ली। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमवीपी) के मामले धीरे-धीरे भारत में भी बढ़ रहे हैं। 24 घंटे में एचएमपीवी के 7 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कल ही लोगों को बताया था कि इससे ज्यादा घबराने की कोई बात नहीं है। उन्होंने लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा था। इसके बावजूद एचएमपीवी को लेकर लोगों के मन में डर के साथ तमाम तरह के सवाल भी हैं। एचएमपीवी से कैसे बचाव करें, क्या बरतें सावधानी इन सब सवालों का जवाब दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने विस्तार से बताया है।

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एचएमवीपी वायरस से आमतौर पर हल्की फुल्खी खांसी, जुकाम की समस्या होती है, लेकिन कुछ मामलों में, यह निमोनिया का कारण बन सकता है। एचएमपीवी किसी को भी हो सकता है क्योंकि यह इन्फ्लूएंजा की तरह एक संक्रमण है। जैसा कि हमने कोविड ​​​​में देखा, यह खांसी के कारण और संक्रमित सतहों को छूने के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है, इसलिए सबसे कोशिश करें कि आप मास्क पहनें, अपने हाथ नियमित रूप से धोएं और बुखार, खांसी और सर्दी वाले किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। खांसते समय मुंह को रुमाल से ढंकना। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, खासकर छोटे बच्चों को ऐसी जगहों पर ले जाने से परहेज करें और अच्छा पोषण लें।

डॉ. गुलेरिया ने बताया कि अगर किसी बच्चे को बुखार, सर्दी और खांसी है, तो बच्चे को कम से कम पांच से सात दिनों तक घर पर रहना चाहिए ताकि बच्चा स्कूल में दूसरों को संक्रमण न दे और स्कूल को पैरेंट्स से कहना चाहिए कि ऐसे बच्चों को स्कूल न भेजें क्योंकि उनसे स्कूल में संक्रमण फैलेगे और फिर वह संक्रमण अलग-अलग घरों में जाएगा। जहां तक ​​बच्चों का सवाल है, नियमित रूप से हाथ धोते रहना चाहिए।