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UP ATS ADG On Arrest Of ISI Agent : आईएसआई को खुफिया जानकारी देने वाले ऑर्डिनेंस कर्मी की कैसे हुई गिरफ्तारी, पूछताछ में क्या हुआ खुलासा, यूपी एटीएस के एडीजी ने सब बताया

UP ATS ADG On Arrest Of ISI Agent : एडीजी यूपी एटीएस नीलाब्जा चौधरी ने सभी संवेदनशील विभाग के अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वो सिक्योरिटी ड्रिल, SOP आदि को अपडेट करें और अपने कर्मचारियों की न्यूनतम स्तर की सुरक्षा जांच बनाए रखें, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।

नई दिल्ली। जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए फिरोजाबाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के चार्जमैन रविंद्र कुमार को कैसे गिरफ्तार किया गया और शुरुआती पूछताछ में उसने क्या कुछ बताया, इस बारे में यूपी एटीएस के एडीजी नीलाब्जा चौधरी ने जानकारी दी है। रविंद्र कुमार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की गोपनीय और संवेदनशील जानकारी आईएसआई हैंडलर को दे रहा था। आईएसआई हैंडलर ने रविंद्र कुमार को हनी ट्रैप के जरिए अपने जाल में फंसाया हुआ था। एडीजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक एटीएस और सहयोगी एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि रविंद्र कुमार नाम का एक व्यक्ति अपने पाक आईएसआई हैंडलर के साथ विभिन्न गोपनीय और संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था। इसको गंभीरता से लेते हुए हमारी एटीएस की आगरा इकाई ने रविंद्र कुमार से प्रारंभिक पूछताछ की और उसे विस्तृत पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय लखनऊ बुलाया गया।

पूछताछ में यह साबित हुआ कि वो आईएसआई हैंडलर के संपर्क में है जिसने नेहा शर्मा के नाम से उसे हनीट्रैप किया हुआ है। उसने नेहा शर्मा नाम के हैंडलर को बहुत सी संवेदनशील जानकारी मुहैया कराई थी। उससे पूछताछ में पता चला कि वह समय-समय पर उक्त आईएसआई हैंडलर के साथ आयुध निर्माणी (जिसमें वह काम कर रहा था) की दैनिक उत्पादन रिपोर्ट और स्टोर की रसीद, कई अन्य दस्तावेज, आने वाला स्टॉक आदि की जानकारी साझा करता था।

एटीएस एडीजी के मुताबिक आईएसआई लंबे समय से इस मॉडल के जरिए जासूसी की घटना को अंजाम दे रहा है। आईएसआई के एजेंट पहले लोगों को हनी ट्रैप के जरिए फंसाते हैं और फिर उनसे गोपनीय जानकारी निकालते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। फिलहाल उससे और पूछताछ की जा रही है और इस प्रकार के हैंडलर्स की पहचान का प्रयास किया जा रहा है। एडीजी नीलाब्जा चौधरी ने सभी अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वो सिक्योरिटी ड्रिल, SOP आदि को अपडेट करें और अपने कर्मचारियों की न्यूनतम स्तर की सुरक्षा जांच बनाए रखें, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।