
नई दिल्ली। सीबीएसई ने 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार कराने का फैसला किया है। स्टूडेंट्स पर हावी बोर्ड एग्जाम के तनाव को कम करने और बेहतर प्रदर्शन के लिए उनको साल बरबाद किए बिना परीक्षा के एक से ज्यादा मौके देने के उद्देश्य से सीबीएसई की ओर से यह कदम उठाया गया है। अगले साल 2026 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इस पैटर्न को लागू कर देगा। सीबीएसई साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कैसे कराएगा, इसमें स्टूडेंट्स के लिए क्या नियम होंगे, इसके विषय में आपको विस्तार से बताते हैं।
As per the recommendations of the National Education Policy 2020, students will have an opportunity to improve their performance in Board Examinations.
A meeting chaired by Hon’ble Minister of Education discussed:
1️⃣ From 2025-26, two Board Examinations will be conducted for… pic.twitter.com/sUI6pvEklK
— CBSE HQ (@cbseindia29) February 26, 2025
सीबीएसई के मुताबिक हर स्टूडेंट को साल में होने वाली परीक्षाओं में बैठने का मौका मिलेगा। पहली परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च 2026 तक चलेगी, जबकि परीक्षा का दूसरा चरण 5 मई से 20 मई 2026 तक आयोजित किया जाएगा। अगर कोई स्टूडेंट किसी एक परीक्षा में शामिल होना चाहता है तो वह अपनी मनमर्जी के अनुसार परीक्षा के पहले या दूसरे चरण को चुन सकता है। वहीं अगर पहली परीक्षा में किसी विषय में स्टूडेंट के नंबर कम हैं तो वह दूसरे चरण की परीक्षा में सिर्फ उसी विषय का एग्जाम भी दे सकता है। इससे उसके अंकों में सुधार होगा। अगर कोई स्टूडेंट दोनों परीक्षाएं देना चाहता है तो जिस परीक्षा में उसके नंबर ज्यादा होंगे रिजल्ट में उसे प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि दोनों एग्जाम देने के लिए स्टूडेंट्स को अलग-अलग रजिस्ट्रेशन और अलग-अलग एग्जाम फीस देनी होगी।
स्टूडेंट्स के लिए ध्यान रखने वाली एक बात यह होगी कि जिन विषयों की परीक्षा पहली बार दी है सिर्फ उन्हीं विषयों की परीक्षा दूसरी बार देने का मौका मिलेगा। मतलब अगर कोई स्टूडेंट यह चाहे कि पहली बार उसने जिन विषयों की परीक्षा दे दी अब दूसरी बार वो विषयों में बदलाव करे तो ऐसा नहीं होगा। वहीं अगर कोई स्टूडेंट सिर्फ दूसरी परीक्षा देता है और उसमें किसी विषय में उसके कम नंबर आते हैं तो उसे फिर कोई मौका नहीं मिलेगा क्यों कि सप्लीमेंट्री एग्जाम की सुविधा खत्म की जा रही है।