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How Will One Nation, One Election To Be Done In Hindi: कैसे होगा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’?, जानिए रामनाथ कोविंद कमेटी ने क्या की हैं सिफारिशें

How Will One Nation, One Election To Be Done In Hindi: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में वन नेशन, वन इलेक्शन यानी देशभर में सभी चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव पास किया है। साफ है कि मोदी सरकार इस बारे में बिल लाएगी। जानिए इस तरह से चुनाव की पूरी प्रक्रिया।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में वन नेशन, वन इलेक्शन यानी देशभर में सभी चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव पास किया है। इससे साफ है कि मोदी सरकार इस बारे में संसद में बिल लाएगी। वन नेशन, वन इलेक्शन यानी देश में एक साथ सभी चुनाव कराने की योजना। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मार्च 2024 में वन नेशन, वन इलेक्शन पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी थी।

वन नेशन वन इलेक्शन के लिए रामनाथ कोविंद कमेटी ने सिफारिश की है कि पहले चरण में लोकसभा के साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव कराए जाएं। इसके अलावा इन चुनावों की प्रक्रिया खत्म होने के 100 दिन में देशभर में सभी स्थानीय निकाय के चुनाव भी कराने की सिफारिश वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए गठित समिति ने की है। रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली वन नेशन वन इलेक्शन पर कमेटी ने ये सिफारिश भी सरकार से की है कि लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक ही वोटर लिस्ट होनी चाहिए। अभी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय के लिए अलग-अलग वोटर लिस्ट होती है। जिसकी वजह से तमाम वोटरों के नाम एक या दूसरी लिस्ट में नहीं मिलते हैं। इससे वे वोट नहीं डाल पाते। वन नेशन, वन इलेक्शन की सिफारिश करने वाली कमेटी ने ये भी कहा है कि हर वोटर के लिए एक जैसा वोटर आईडी कार्ड होना चाहिए।

वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कमेटी बनाई थी। इस कमेटी से कहा गया था कि वो देशभर में एक साथ सभी चुनाव कराने के बारे में अपनी सिफारिश दे। वन नेशन, वन इलेक्शन की अवधारणा पीएम मोदी ने दी थी। उनका तर्क है कि इससे हर दूसरे या तीसरे महीने देश में कहीं न कहीं चुनाव होने बंद होंगे। साथ ही खर्च भी कम होगा। हालांकि, विपक्षी दलों ने वन नेशन, वन इलेक्शन का विरोध किया है। जाहिर है, इस बारे में मोदी सरकार कानून बनाने की कोशिश करेगी, तो संसद में विपक्ष के विरोध का सामना उसे करना होगा। बता दें कि 1970 के दशक तक देश में लोकसभा के साथ ही ज्यादातर विधानसभा के चुनाव होते थे। बाद में कार्यकाल के बीच में ही सरकारों के गिरने का क्रम चलने से अलग-अलग वक्त पर चुनाव होने लगे।