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Human Development Index : भारतीयों में बढ़ी जीने की चाह और प्रति व्यक्ति आय, मानव विकास सूचकांक ने जारी किए ताजा आंकड़े

India’s HDI Ranking : संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के मुताबिक, भारत की रैंकिंग में 2022 में एक पायदान का सुधार आया और यह 193 देशों में 134वें स्थान पर पहुंच गई।

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने मानव विकास सूचकांक को लेकर ताजा आंकड़े जारी किए जिसमें भारत की स्थिति में बड़ा सुधार देखने को मिला है। वहीं भारतीयों की जीने की चाह और प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय में भी बढ़त दर्ज की गई। संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के मुताबिक, भारत की रैंकिंग में 2022 में एक पायदान का सुधार आया और यह 193 देशों में 134वें स्थान पर पहुंच गई, जो कि 2021 में 191 देशों में 135वें स्थान पर थी। 2022 के ताजा आंकड़ों में भारत के सभी एचडीआई संकेतकों में सुधार नजर आया है। जैसे- जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) इत्यादि। जीवन प्रत्याशा (जीने की चाहत) 62.2 से बढ़कर 67.7 साल हो गई, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 12.6 तक पहुंच चुके हैं। स्कूल एजुकेशन के औसत साल बढ़कर 6.57 हो गए और प्रति व्यक्ति जीएनआई 6,542 डॉलर (5,42,014 रुपए) से बढ़कर 6,951 डॉलर (5,75,900 रुपए) हो गई। भारत के मानव विकास सूचकांक में 2021 में गिरावट आई थी, पिछले कुछ सालों तक यह सपाट बनी रही। लेकिन 2022 में भारत का एचडीआई वैल्यूएशन 2022 में बढ़कर 0.644 हो गया।

दूसरी ओर, लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) 2022 में भारत को 0.437 स्कोर मिला है और यह 193 देशों में से 108वें नंबर पर है। GII-2021 में 0.490 स्कोर के साथ 191 देशों में भारती की रैंक 122 थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि जीआईआई-2022 में 14 रैंक की छलांग देश के लिए अहम है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का GII स्कोर 0.437 है, जो कि ग्लोबल और दक्षिण एशियाई देशों से औसत से बेहतर है। हालांकि, इसके विपरीत देश में श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा जेंडर गैप देखने को मिला है। इसमें महिलाओं (28.3 फीसदी) और पुरुषों (76.1 फीसदी) के बीच 47.8 प्रतिशत का अंतर है।

एचडीआई वैल्यूएशन 2022 में बढ़कर 0.644 हो गया। देश को 2023/24 मानव विकास से जुड़ी रिपोर्ट में 193 देशों में 134 वां स्थान मिला है। 2021 में यह स्कोर 0.633 था, जिसके कारण 191 देशों में भारत का नंबर 135वां था। बता दें कि 1990 में मानव विकास के मामले में भारत का स्कोर 0.434 पर था। अब तक इसमें 48.4 फीसदा का सुधार आ चुका है। गौरतलब है कि मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) जीवन प्रत्याशा, शिक्षा (शिक्षा प्रणाली में प्रवेश करने पर स्कूली शिक्षा के पूरे वर्ष और स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष), और प्रति व्यक्ति आय संकेतक का एक सांख्यिकीय समग्र सूचकांक है, जिसका उपयोग देशों को मानव विकास के चार स्तरों में क्रमबद्ध करने के लिए किया जाता है।