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MP: फिर शर्मसार हुई इंसानियत, दलित युवक की पीटकर हत्या, बचाने गई मां, तो बदमाशों ने निर्वस्त्र कर…!

MP: पुलिस ने पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। सागर जिले के एडिशनल एसपी संजीव उईके ने कहा कि बड़ोदिया गांव में कुछ एक दलित युवक के साथ कुछ लोगों ने मारपीट थी। जिसके बाद उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया।

नई दिल्ली। जी-20 की बैठक दिल्ली में प्रस्तावित है। तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन उससे पहले जेहन में बस एक ही सवाल आ रहा है कि हम भारत को लेकर किस तरह की तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं, जहां किसी बच्चे को इसलिए पीटा जाता है, क्योंकि वो मुस्लिम है और पांच का पहाड़ा नहीं सुना पाता और किसी को इसलिए पीटा जाता है, क्योंकि वो ब्लैकबोर्ड पर जय श्री राम का नारा लिख देता है और किसी को सिर्फ इसलिए ही नौकरी से निकाल दिया जाता है, क्योंकि वो अपने विधार्थियों से पढ़े लिखे नेताओं को वोट देने का सुझाव देता है, लेकिन इन तमाम मामलों के बावजूद भी लगता है कि पुलिस-प्रशासन कुंभकर्ण की निंद्र में सोई हुई है। अगर जागी होती, तो अब तक ऐसे घृणित मामलों में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करती कि फिर कोई दोबारा ऐसी हरकत करने से पहले एक बार नहीं, बल्कि हजार बार सोचता।

कोई गुरेज नहीं यह कहने में कि अगर पुलिस ने इन मामलों को संज्ञान में लेने के बाद कड़ी कार्रवाई की होती, तो आज मध्य प्रदेश के सागर जिले में रहने वाले उस दलित परिवार के घर पर मातम नहीं पसरा होता, जहां एक दलित महिला के बुढ़ापे का सहारा उसके बेटे को मौत के घाट उतार दिया गया और उस बहन से उसका भाई छीन लिया गया, जो अभी बिलख-बिलख कर शासन से इंसाफ की गुहार लगा रही है, लेकिन हमें यह कोई संकोच नहीं है कि यह शासन अब कुंभकर्ण की निंद्रा में सोई हुई है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दलित युवक को बदमाशों ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया और इस बीच जब उसकी मां उसे बचाने पहुंची, तो आरोपियों ने अपनी हैवानियत की सारी हदें पार कर उसे भी निर्वस्त्र कर पीटा। वहीं, बहन मौके पर पहुंची तो उसने पुलिस को फोन करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों के बुलंद हौसले देखिए उन्होंने उस लड़की से फोन छीन कर उसे भी मौत के घाट उतारने पर आमादा हो गए। जैसे-तैसे वो लड़की अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भागी। लेकिन तब-तक उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी। बदमाश उसके भाई को मौत के घाट उतार चुके थे, तो वहीं उसकी मां की सरेराह अस्मत नीलाम कर चुके थे।

उधर, लड़की ने पुलिस को बताया कि इन बदमाशों ने इससे पहले उसे छेड़ा था, जिसका विरोध करते हुए उसके भाई ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिससे आरोपी खफा हो गए और शिकायत वापस लेने की मांग कर रहे थे, लेकिन मेरे भाई और मां ने साफ कह दिया था कि शिकायत वापसी नहीं होगी और ना ही किसी भी प्रकार का राजीनामा होगा, जिस पर आरोपी खफा हो गए। उन्होंने हमें धमकी दी कि सबको निपटा देंगे। हालांकि, उनकी धमकी से हम सब खौफ में थे। उन्होंने यह भी कहा था कि तुम पुलिस के पास भी चले जाना लेकिन हमारा कुछ भी नहीं कर पाओगे। लड़की ने बताया कि इस बीच मेरा भाई बाजार में सब्जी लेना गया, तो उसे इन्हीं बदमाशों ने पकड़ लिया और बेरहमी से पीटा। मेरी मां को जैसे ही इस बारे में खबर लगी, तो वो मेरे भाई को बचाने पहुंची, लेकिन बेरहम बदमाशों ने मेरी मां पर रहम नहीं बख्शी। उन्होंने मेरी मां को भी निर्वस्त्र कर पीटा। अब मैं पुलिस से मांग कर करती हूं कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उधर, इस मामले में पुलिस का क्या रुख है। आइए, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

वहीं, पुलिस ने पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। सागर जिले के एडिशनल एसपी संजीव उईके ने कहा कि बड़ोदिया गांव में कुछ बदमाशों ने एक दलित युवक के साथ मारपीट थी। जिसके बाद उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन बाद में उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ नामजद और तीन लोगों के खिलाफ धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस नृशंस घटना में 13 लोग शामिल थे, जिनमें 8 की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष की तलाश जारी है।

बता दें कि इस घटना में शामिल 41 वर्षीय मुख्य आरोपी विक्रम सिंह ठाकुर समेत 36 वर्षीय आजाद ठाकुर, 37 वर्षीय इस्लाम खान, 36 वर्षीय गोलू उर्फ सुशील कुमार सोनी, 28 वर्षीय अनीश खान, 22 वर्षीय गोलू उर्फ फरीम खान, 28 वर्षीय अभिषेक रैकवार और 19 वर्षीय अरबाज खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर, अब इस पूरे मसले को लेकर राजनीति अलग से तेज हो गई है। कांग्रेस बीजेपी में वाकयुद्ध छिड़ गया है। वहीं, परिजनों ने आरोपियों के घरों को बुलडोजर से जमींदोज करने की मांग की। बहरहाल, अभी तक इस पूरे मसले को लेकर सीएम शिवराज की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। अब ऐसे में मामले को लेकर उनका क्या रिएक्शन रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।