जयपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 19 दिसंबर 2018 को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अपनी पार्टी की सरकारें बनने के बाद ढोल ताशा बजाने के अंदाज में एलान किया था कि तीनों राज्यों की सरकारों ने सत्ता संभालने के बाद किसानों का कर्ज माफ करने में बिल्कुल देर नहीं लगाया। राहुल का ये दावा राजस्थान में फर्जी साबित हो गया, जब कर्ज न चुकाने पर एक किसान की जमीन नीलाम होने की नौबत आ गई। इस मामले में मीडिया में हो-हल्ला मचा और अशोक गहलोत की सरकार घेरे में आई, तो किसान की जमीन को नीलाम करने का फैसला फिलहाल रोक दिया गया है।
राहुल गांधी ने 2018 के अपने ट्वीट में लिखा था कि हमने कर दिखाया…राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने किसानों का कर्ज माफ करने में बिल्कुल देर नहीं की…हमने इसके लिए 10 दिन का समय मांगा था…लेकिन हमने ये वादा 2 दिन में पूरा कर दिखाया…राहुल गांधी का ये बयान राजस्थान के दौसा जिले के एक किसान के मामले में झूठा साबित हो गया। मामला रामगढ़ पचवारा का है। कजोड़ मीणा नाम के किसान ने बैंक से कर्ज लिया था। परिवार के पास 24 बीघा जमीन है। जब मीणा और उसका परिवार कर्ज वापस करने में नाकाम रहे, तो बैंक ने अधिकारियों से बात की। अशोक गहलोत सरकार के अफसरों ने इस पर किसान की जमीन नीलाम करने का फैसला कर लिया।
इस मसले पर अब किसान नेता राकेश टिकैत ने भी नाराजगी जताई है। राकेश टिकैत के किसान आंदोलन को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया था, लेकिन टिकैत का कहना है कि वो अब गांव में ही रुकेंगे और किसान की जमीन नीलाम नहीं होने देंगे। टिकैत ने कहा कि जमीन को नीलाम करने की प्रक्रिया अवैध है। जिन अफसरों ने ऐसा कदम उठाया, उनके खिलाफ केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसे में आसार पूरे हैं कि आने वाले दिनों में राजस्थान के किसान की जमीन नीलाम करने का मुद्दा तूल पकड़ सकता है। इससे पहले अशोक गहलोत सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ने और महिलाओं की असुरक्षा के मुद्दे पर कुछ न करने का आरोप लगातार लगता रहा है। खास बात ये कि इन मुद्दों पर भी राहुल गांधी या लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी ने कभी आवाज नहीं उठाई। अब जब किसान की जमीन को लेकर हल्ला मचा और नौबत आंदोलन की दिखी, तो सीएम अशोक गहलोत ने फैसला किया है कि किसानों की जमीन नीलाम नहीं होने दी जाएगी। हालांकि, ये बात उन्होंने नहीं कही है कि आखिर दौसा में ये नौबत आई क्यों।
प्रदेशभर में कृषि भूमि नीलामी रोकने के दिए निर्देश- pic.twitter.com/9DcjverK5s
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 20, 2022