नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपने पहले पॉडकास्ट में कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पीएम के रूप में अपने विभिन्न कार्यकालों, राजनीति में जोखिम लेने की जरूरत और अपनी सोच में आए बदलाव के बारे में विस्तार से चर्चा की।
पहले और दूसरे कार्यकाल पर विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनके पहले कार्यकाल में लोग उन्हें समझने की कोशिश कर रहे थे और वह दिल्ली को समझने में व्यस्त थे। वहीं, दूसरे कार्यकाल में उन्होंने अतीत की चुनौतियों को हल करने पर ध्यान केंद्रित किया।
“I take responsibility for the failure. You (scientists) did your best…”
PM Modi shares his thoughts on the challenges faced by Chandrayaan-2 and how he encouraged the scientists after.
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2047 तक समस्याओं के समाधान का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में उनकी सोच पूरी तरह बदल गई है। उनका मनोबल अब और ऊंचा है। उन्होंने कहा, “मैं 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सभी समस्याओं का समाधान चाहता हूं। सरकारी योजनाओं की 100% डिलीवरी होनी चाहिए। यही असली सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता है।”
“मैं एक अहमदाबादी हूं..गाली दे रहा है ना, कुछ लेकर तो नहीं जा रहा?”, देखिए जब पीएम मोदी ने सुनाया मजेदार किस्सा…@PMOIndia | @narendramodi | #NarendraModi | #PMModi | #BJP | #Podcast pic.twitter.com/FAlc6myXRE
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रिस्क लेने वाले युवाओं को देंगे बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने राजनीति में जोखिम लेने के महत्व पर बात करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे युवाओं की जरूरत है जो जोखिम लेने से घबराते न हों। उन्होंने कहा, “राजनीति में हर पल रिस्क लेना पड़ता है। मुझे रिस्क लेने वाले युवाओं का साथ चाहिए।”
साधारण पृष्ठभूमि और बचपन के दोस्तों का जिक्र
पीएम मोदी ने बताया कि वह एक साधारण परिवार से आते हैं। अगर वह एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक भी बनते तो उनकी मां खुश होतीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने बचपन के दोस्तों को सीएम हाउस बुलाया, ताकि उनके साथ पुराने दिनों की यादें ताजा कर सकें।
An enjoyable conversation with @nikhilkamathcio, covering various subjects. Do watch… https://t.co/5Q2RltbnRW
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गालियों पर अहमदाबादी अंदाज में जवाब
विपक्षी नेताओं की आलोचना पर पीएम मोदी ने कहा, “मैं अहमदाबादी हूं… गाली दे रहा है तो क्या, कुछ लेकर तो नहीं जा रहा। “स्ट्रेस और एंग्जायटी से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने किस तरह खुद को मुश्किल हालात में संभाला और अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित किया।