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ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर साधा निशाना, कहा खुद फैसला करें कि संवैधानिक धर्म की सीमाएं किसने लांघी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद बढ़ गया है। गुरुवार को ममता ने राज्यपाल को पत्र लिखा।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद बढ़ गया है। गुरुवार को ममता ने राज्यपाल को पत्र लिखा। अपनी चिट्ठी में खरी-खोटी सुनाते हुए ममता ने प्रदेश के गवर्नर पर संवैधानिक मर्यादाओं के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल लगातार राज्य प्रशासन के कामों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन के कामकाज में वह लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं और उनसे कहा कि वह फैसला करें कि संवैधानिक धर्म की सीमा रेखा किसने लांघी है। दरअसल कोरोना संक्रमण के बीच पश्चिम बंगाल से कुछ ऐसे वीडियो और फोटो सामने आए जो कि राज्य सरकार पर सवाल खड़े करते हैं। इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने-सामने हैं।

राज्यपाल को सात पन्ने के कड़े शब्दों में लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि धनखड़ भूल गए हैं कि वह (ममता) एक गौरवशाली भारतीय राज्य की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं जबकि वह नियुक्त किए गए हैं। बनर्जी ने पत्र में कहा, ”यह आपको फैसला करना है कि किसने संवैधानिक धर्म का उल्लंघन किया है और संवैधानिक पदाधिकारियों में किसने मर्यादा के मूल नियमों को लांघा है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों के दौरे पर केंद्रीय टीमों को सहज सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह किया है। इस बीच, राज्य के दौरे पर आई दोनों केंद्रीय टीमों में से एक टीम ने शहर के राजारहाट इलाके में एक क्वारंटाइन केंद्र का निरीक्षण किया। धनखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “आधिकारिक केंद्रीय टीमों के लिए निबार्ध रास्ता सुनिश्चित करने के लिए आग्रह।

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आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय टीम ने राज्य के संबंधित अधिकारियों को लिखे एक पत्र में जानना चाहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित ऑडिट कमेटी यह कैसे निर्धारित कर रही है कि किसी मरीज की मौत कोरोना वायरस अथवा अन्य बीमारी से हुई है। दूसरी तरफ, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर शुरू में केंद्रीय टीमों के साथ असहयोग का आरोप लगाया है।

केवल बंगाल में विरोध

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बंगाल के अलावा महाराष्ट्र के मुंबई-पुणे, मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के जयपुर के लिए भी केंद्र सरकार ने समान आदेश जारी किया है। गौर करने वाली बात यह है कि ममता बनर्जी के अलावा बाकी किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने इस कदम का विरोध नहीं किया है। ममता ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर कहा कि केंद्रीय टीम को भेजने का कदम एकतरफा और अनपेक्षित है।