नई दिल्ली। ”पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते मुझे निलंबित कर दिया गया। मुझे मालूम है कि आप पिछले डेढ घंटे से मेरी प्रतिक्रिया लेने के लिए इंतजार कर रहे हैं। मैं बहन मायावती जी का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा की उन्होंने मुझे बहुजन समाज पार्टी का टिकट दे कर लोक सभा का सदस्य बनने में मदद की। बहन जी ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया। मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला। उनका आज का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से बसपा को मज़बूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। इस बात की गवाह मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता है। मैंने बीजेपी सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध ज़रूर किया है और करता रहूँगा। चंद पूँजीपतियों द्वारा जनता कि संपत्तियों की लूट के ख़िलाफ़ भी मैंने आवाज़ उठायी है और उठाता रहूँगा। क्योंकि यही सच्ची जन सेवा है। यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने ये जुर्म किया है, और में इसकी सज़ा भुगतने को तैयार हूँ। मैं अमरोहा की जानता को आश्वस्त करना चाहता हूँ की आप की सेवा में हमेशा हाज़िर रहूँगा।”
देखिए वीडियो
#WATCH | On his suspension from the Bahujan Samaj Party, MP Danish Ali says, “…Her (BSP chief Mayawati) decision is unfortunate. I have never engaged in any kind of anti-party activities. The people of my Amroha are witness to this. I have opposed the anti-people policies of… https://t.co/7YbNQTdBt9 pic.twitter.com/ksUapXKvGm
— ANI (@ANI) December 9, 2023
..तो रूंधे गले और भारी मन से बसपा से निलंबित किए जाने के बाद दानिश अली ने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें कहीं। उनकी प्रतिक्रिया को देखने के बाद मालूम पड़ता है कि उन्होंने किसी पर भी निशाना नहीं साधा और ना ही किसी के प्रति अपनी भड़ास निकली और ना किसी पर किसी भी प्रकार का आरोप लगाया, जैसा कि आमतौर पर राजनीति में देखने को मिलता है। आइए, अब जरा एक दफा फिर ये समझ लेते हैं कि आखिर क्यों बसपा प्रमुख मायावती ने दानिश अली के खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई की?
Bahujan Samaj Party (BSP) suspends its MP Danish Ali for indulging in anti-party activities: BSP pic.twitter.com/BKHHuVbStw
— ANI (@ANI) December 9, 2023
क्यों की गई दानिश के खिलाफ ये कार्रवाई ?
दरअसल, बसपा दानिश को निलंबित किए जाने के संदर्भ में एक पत्र अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा किया, जिसमें कहा गया है कि दानिश को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से निलंबित किया गया है। आइए, अब आगे समझते हैं कि आखिर बसपा के चश्मे से पार्टी विरोधी गतिविधियों के क्या मायने हैं?
बसपा के चश्मे से क्या हैं पार्टी विरोधी गतिविधियों के निहितार्थ?
असल में बसपा के चश्मे से दानिश अली प्रकरण में पार्टी विरोधी गतिविधियों का निहितार्थ हुआ कांग्रेस से गहराते ताल्लुकात ! , जी हां…बिल्कुल सही समझ रहे हैं आप..दरअसल, बसपा ने दानिश को कांग्रेस से बढ़ती नजदीकियों की वजह से ही निलंबित किया है। बसपा नहीं चाहती थी कि दानिश की नजदीकियां कांग्रेस से बढ़े। कई दफा इस संदर्भ में कभी संकेतों, तो कभी आधिकारिक बयानों के मार्फत दानिश को यह समझाने की कोशिश की कि उनका सियासी हित कांग्रेस से दूरी बनाए रखने में ही है, लेकिन संभवत: उन्होंने अपनी पार्टी की हिदायतों को गंभीरता से लेना मुनासिब नहीं समझा, जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्हें बहन मायावती ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। आइए, अब आगे समझते हैं कि आखिर बहन मायावती को दानिश की कांग्रेस से बढ़ रही नजदीकियां क्यों चुभ रही थीं।
बहनजी को क्यों चुभी दानिश की कांग्रेस से बढ़ती नजदीकियां ?
दरअसल, कांग्रेस इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रही है। इस गठबंधन ने यूपीए की जगह ली है। पहले इसका नाम यूपीए था, जिसे अब इंडिया कर दिया गया है। इस गठंबधन में कांग्रेस सहित अन्य दल शामिल हैं, लेकिन आपको बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती ने इससे दूरी बनाए रखी। फिलहाल, वो किस गुट में शामिल हैं। इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं सामने नहीं आई है। वहीं, इस बीच जब दानिश अली की कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ी, तो मायावती को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्हें मजबूरी में ही सही, लेकिन दानिश को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा।
BSP kicked out Danish Ali for indulging in anti-party activities.
Posting this Moye Moye moment of him 😂 pic.twitter.com/8P07sjxy0x
— BALA (@erbmjha) December 9, 2023
कब और कैसे बढ़ी दानिश की कांग्रेस से नजदीकियां ?
सनद रहे कि बीते दिनों संसद के विशेष सत्र के दौरान दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने चंद्रयान -3 की सफलता के दौरान अमरोहा से तत्कालीन बीएसपी सांसद दानिश अली पर विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद सभी विपक्षी एकजुट हो गए थे।
इतना ही नहीं, खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमरोहा स्थित दानिश के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान दानिश बाकायदा भावुक हो गए थे। इसके बाद यूपी कांग्रेस के अध्य़क्ष अजय राय ने भी दानिश से मुलाकात की थी। शायद यही मुलाकातें दानिश को भारी पड़ गई और उन्हें बहन जी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।